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Zomato में धड़ाधड़ खरीद, ब्रोकरेज के भरोसे से शेयर ने छुआ नया हाई; Q2 रिजल्ट के बाद Swiggy ने लगाई 11% की छलांग

Zomato में धड़ाधड़ खरीद, ब्रोकरेज के भरोसे से शेयर ने छुआ नया हाई; Q2 रिजल्ट के बाद Swiggy ने लगाई 11% की छलांग

Last Updated on December 5, 2024 17:50, PM by Pawan

Zomato Share Price: 5 दिसंबर को फूड डिलीवरी और क्विक कॉमर्स सेक्टर की कंपनियों स्विगी और जोमैटो के शेयरों में बंपर खरीद हुई। इससे स्विगी का शेयर 11 प्रतिशत तक और जोमैटो का शेयर 6 प्रतिशत तक उछल गया। इसकी वजह है ब्रोकरेज फर्म्स का दोनों शेयरों में जताया गया भरोसा। इंटरनेशनल ब्रोकरेज फर्म CLSA ने जोमैटो के शेयर पर ‘आउटपरफॉर्म’ रेटिंग बरकरार रखी है और टारगेट प्राइस बढ़ाकर 370 रुपये प्रति शेयर कर दिया है। यह शेयर के ​4 दिसंबर को बीएसई पर बंद भाव से 29 प्रतिशत ज्यादा है।

बर्नस्टीन ने भी जोमैटो के शेयर को ‘आउटपफॉर्म’ रेटिंग देते हुए 335 रुपये प्रति शेयर का टारगेट प्राइस दिया है। जोमैटो का शेयर बीएसई पर 5 दिसंबर को पिछले बंद भाव से 6 प्रतिशत तक चढ़कर 304.50 रुपये के हाई तक गया। यह शेयर का 52 सप्ताह का नया उच्च स्तर भी है। कंपनी का मार्केट कैप 3 लाख करोड़ रुपये के करीब है।

स्विगी को लेकर क्या है राय

 

स्विगी का शेयर बीएसई पर पिछले बंद भाव से 11 प्रतिशत तक उछलकर 576.95 रुपये के हाई तक गया। यह शेयर का अभी तक का उच्च स्तर है। स्विगी 13 नवंबर को शेयर बाजार में लिस्ट हुई थी। बर्नस्टीन का मानना है कि स्विगी की तुलना में जोमैटो की शहरों में मौजूदगी ज्यादा है, जबकि स्विगी के यूजर्स की संख्या ज्यादा है। वहीं मोतीलाल ओसवाल का मानना है कि स्विगी का फूड डिलीवरी बिजनेस मजबूत स्थिति में है। ब्रोकरेज ने शेयर के लिए ‘न्यूट्रल’ रेटिंग बरकरार रखी है। मोतीलाल ओसवाल को उम्मीद है कि स्विगी के फूड डिलीवरी ऑर्डर सालाना 12.5% ​​की दर से बढ़ेंगे। क्विक कॉमर्स बिजनेस में तेजी से ग्रोथ होने की उम्मीद है, जिसमें ऑर्डर सालाना 23.6% की रफ्तार से बढ़ेंगे।

हाल ही में, यूबीएस ने स्विगी के लिए मजबूत विकास संभावनाओं का हवाला देते हुए ‘बाय’ रेटिंग के साथ कवरेज शुरू किया है। यूबीएस का कहना है कि ऑनलाइन फूड डिलीवरी सेगमेंट में, स्विगी मार्जिन और स्केल के मामले में जोमैटो के साथ अंतर को कम कर रही है।

स्विगी का जुलाई-सितंबर 2024 तिमाही में कंसोलिडेटेड शुद्ध घाटा कम होकर 625.53 करोड़ रुपये रह गया। एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी का घाटा 657 करोड़ रुपये रहा था। सितंबर 2024 तिमाही में स्विगी का ऑपरेटिंग रेवेन्यू बढ़कर 3,601.45 करोड़ रुपये हो गया, जो पिछले साल की इसी अवधि में 2,763.33 करोड़ रुपये था। कुल खर्च भी बढ़कर 4,309.54 करोड़ रुपये हो गया, जो सितंबर 2023 तिमाही में 3,506.63 करोड़ रुपये था।

जोमैटो से कितना पीछे है स्विगी

इंटरनेशनल ब्रोकरेज सीएलएसए का मानना है कि स्विगी और जोमैटो के बीच का अंतर बढ़ना बंद हो गया है, लेकिन क्विक कॉमर्स जीओवी में जोमैटो आगे बनी हुई है। सीएलएसए ने कहा, “स्विगी के दूसरी तिमाही के नतीजों में कुल बी2सी ग्रॉस ऑर्डर वैल्यू (जीओवी) में साल-दर-साल 30 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जबकि वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही अप्रैल-जून में यह 23 प्रतिशत थी। क्विक कॉमर्स सेगमेंट में, स्विगी के जीओवी में साल-दर-साल 76 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो जोमैटो के ब्लिंकइट से पीछे है। ब्लिंकइट ने 122 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की।” फूड डिलीवरी में स्विगी के जीओवी में साल-दर-साल 15 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि जोमैटो ने 21 प्रतिशत की वृद्धि के साथ इसे पीछे छोड़ दिया।

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