Last Updated on February 27, 2025 9:54, AM by Pawan
Editor’s Take: भारतीय शेयर बाजार एक लंबे समय बाद ऐतिहासिक पड़ाव पर खड़ा है. 28 साल बाद निफ्टी ने लगातार 5 महीनों तक निगेटिव रिटर्न दिया है. पिछली बार ऐसा 1996 में हुआ था, जब जुलाई से नवंबर 1996 के बीच निफ्टी करीब 29% गिरा था. हालांकि, इसके बाद के तीन महीनों में निफ्टी ने 20% की रिकवरी दर्ज की थी. इस बार भी बाजार में संभावनाएं बनी हुई हैं कि गिरावट के बाद मजबूत उछाल देखने को मिल सकता है.
इस बार की गिरावट को समझें तो निफ्टी बीते 5 महीनों में 13% नीचे आ चुका है. लगातार 15 ट्रेडिंग सेशंस में बाजार में कमजोरी दिखी, और केवल एक दिन 30 अंकों की मामूली बढ़त दर्ज की गई. बैंक निफ्टी की बात करें तो हालिया 4 सेशंस में इसमें सबसे ज्यादा दबाव दिखा, और 1271 अंकों (करीब 2.5%) की गिरावट हुई. साथ ही, बैंक निफ्टी बीते 8 दिनों से 23,000 के नीचे बंद हो रहा है, जो बाजार में मंदी के संकेत देता है.
बाजार में क्या है निगेटिव?
मार्केट गुरु अनिल सिंघवी ने कहा कि इस समय बाजार पर कई दबाव काम कर रहे हैं. लगातार 15 दिनों से बाजार कमजोर बना हुआ है और विदेशी निवेशकों (FIIs) की तरफ से कैश सेगमेंट में बिकवाली लगातार जारी है. वहीं, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूरोप के देशों पर 25% टैरिफ लगाने की धमकी दी है, जिससे वैश्विक बाजारों में अस्थिरता बढ़ गई है. इसके अलावा, अमेरिकी बाजारों की तेज चाल पर भी ब्रेक लगा है और भारतीय बाजार में भी कोई ठोस रिकवरी के संकेत नहीं दिख रहे हैं.
क्या हैं बाजार के लिए पॉजिटिव संकेत?
हालांकि, बाजार में कुछ सकारात्मक संकेत भी दिख रहे हैं. सबसे अहम बात यह है कि बैंकिंग और NBFC सेक्टर के लिए अच्छी खबरें आई हैं. कच्चे तेल की कीमतों में नरमी बनी हुई है और यह $72 प्रति बैरल के करीब ट्रेड कर रहा है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए फायदेमंद है. घरेलू निवेशक (DIIs) लगातार खरीदारी कर रहे हैं, जिससे बाजार को सहारा मिल सकता है. FIIs की ओर से स्टॉक फ्यूचर्स में अच्छी खरीदारी देखी गई है और बीते 10 में से 8 सेशंस में स्टॉक फ्यूचर्स में मजबूत आंकड़े दर्ज हुए हैं. लगातार 15 दिनों की गिरावट के कारण बाजार ओवरसोल्ड ज़ोन में आ चुका है, जिससे शॉर्ट कवरिंग की संभावना बढ़ गई है, खासकर एक्सपायरी के दिन.
बैंकिंग सेक्टर बना निवेश के लिए सबसे मजबूत दांव
अनिल सिंघवी ने कहा कि अगर इस वक्त निवेश की बात करें तो बैंकिंग सेक्टर सबसे मजबूत दिख रहा है. हाल ही में RBI ने बैंकों द्वारा NBFCs को दिए जाने वाले लोन पर रिस्क वेटेज घटाने का फैसला लिया, जिससे बैंक और NBFCs दोनों को फायदा होगा. इस फैसले का सबसे ज्यादा लाभ Bandhan Bank, RBL Bank, IDFC First Bank और IndusInd Bank को मिलेगा. वहीं, NBFC सेक्टर में IIFL Finance, Manappuram Finance, PEL और SBI Cards जैसी कंपनियों को भी फायदा होगा.
इसके अलावा, नए RBI गवर्नर की नीति भी बैंकिंग सेक्टर के लिए सकारात्मक रही है. हाल ही में ब्याज दरों में कटौती और सिस्टम में लिक्विडिटी बढ़ाने के प्रयास किए गए. अब NBFCs को दिए जाने वाले लोन पर रिस्क वेटेज भी कम कर दिया गया है, जिससे यह सेक्टर और मजबूत होगा. कुल मिलाकर, RBI की पॉलिसी और बैंकिंग सेक्टर के दमदार नतीजे इसे निवेश के लिए सबसे आकर्षक बना रहे हैं.
बाजार के मौजूदा हालात में बैंक निफ्टी, निफ्टी की तुलना में ज्यादा मजबूत स्थिति में है और इसमें आगे सुधार की उम्मीदें भी अधिक हैं. निवेशकों के लिए मौजूदा करेक्शन एक अच्छे एंट्री पॉइंट की तरह हो सकता है, खासकर बैंकिंग और NBFC सेक्टर में.