IndusInd Bank Share Price: प्राइवेट सेक्टर का बैंक IndusInd Bank इन दिनों गंभीर संकट से जूझ रहा है. बैंक की आंतरिक ऑडिट रिपोर्ट (Internal Audit Department – IAD) में कई अनियमितताएं सामने आई हैं, जिसने न केवल निवेशकों की चिंता बढ़ा दी है, बल्कि ब्रोकरेज हाउसेज़ को भी रेटिंग में कटौती करने के लिए मजबूर कर दिया है. यहां जानिए क्या है पूरा मामला, बैंक पर क्या असर पड़ेगा और ब्रोकरेज हाउसेज़ का क्या रुख है. आज IndusInd Bank का शेयर 4% से ज्यादा गिरकर 735.95 रुपये के इंट्राडे लो पर आ गया था.
क्या है मामला?
8 मई 2025 को IAD की समीक्षा रिपोर्ट में ₹674 करोड़ की ब्याज आय की गड़बड़ी सामने आई. यह राशि वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तीन तिमाहियों में Microfinance बुक से ब्याज के रूप में रिकॉर्ड की गई थी, लेकिन 10 जनवरी 2025 को इसे रिवर्स कर दिया गया. इसके अलावा, “Other Assets” में ₹595 करोड़ का बैलेंस मिला, जिसका कोई स्पष्ट प्रमाण नहीं था. IAD अब इन गड़बड़ियों में बैंक के कुछ अहम कर्मचारियों की भूमिका की जांच कर रहा है.
इससे पहले मार्च 2025 में बैंक के डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में भी अनियमितता सामने आई थी, जिसके चलते दिसंबर 2024 के आधार पर बैंक की नेटवर्थ में 2.35% की गिरावट का खतरा बताया गया. इस पूरे घटनाक्रम के बाद बैंक के MD और CEO ने अप्रैल 2025 में इस्तीफा दे दिया, जिससे मैनेजमेंट सक्सेशन को लेकर भी असमंजस की स्थिति बन गई है
अकाउंटिंग में गड़बड़ी पर बैंक की सफाई भी आई है. इनका कहना है कि 674 करोड़ रुपये की रकम गलत तरीके से ब्याज में जुड़ी है. इंटरनल कंट्रोल मजबूत करने के लिए कदम उठा रहे हैं.
बैंक पर क्या असर होगा?
इन दिक्कतों के चलते ऐसा माना जा रहा है कि ₹65,000 करोड़ की नेटवर्थ के हिसाब से ₹1500 करोड़ का संभावित नुकसान हो सकता है. 4QFY25 की Post-Tax Earnings पर सीधा असर पड़ेगा. Microfinance (MFI) बुक में पहले से ही slippages की समस्या थी, जो अब और गंभीर हो सकती है. CET1 रेश्यो में 0.35% की गिरावट का अनुमान है. ₹674 करोड़ की आय को हटाने पर Core NIM में 17 बीपीएस की गिरावट दिखाई देती है.
ब्रोकरेज कंपनियों की क्या राय है?
ब्रोकरेज फर्म CLSA ने IndusInd Bank पर रेटिंग घटाई है. अब इसे ‘Accumulate’ से ‘Hold’ कर दिया है और टारगेट प्राइस को ₹900 से ₹780 कर दिया है. ब्रोकरेज का कहना है कि FY25 के PAT में 22% की कटौती, जबकि FY26 और FY27 के मुनाफे के अनुमान 13-17% घटाए हैं. ब्रोकरेज ने कहा कि “बैलेंस शीट में Other Assets और Liabilities भी ₹600 करोड़ तक इन्फ्लेट किए गए हैं.”
Morgan Stanley ने इसपर Equalweight की रेटिंग दी है और टारगेट प्राइस ₹755 का रखा है. इनका कहना है कि MFI बुक में फर्जी ब्याज आय के कारण FY25 के नतीजों पर ₹900 करोड़ वार्षिक असर पड़ सकता है. FY26-27 के मुनाफे में 15-20% तक गिरावट का अनुमान है.
Macquarie ने अभी भी इसपर Outperform की रेटिंग बनाए रखी है और टारगेट प्राइस ₹1210 का रखा है. ब्रोकरेज ने कहा कि एक और गड़बड़ी सामने आई है. इस समय पर जानकारी साझा करना कई सवाल खड़े करता है. शॉर्ट-टर्म में बैंक का फोकस मैनेजमेंट सक्सेशन और गवर्नेंस सुधार पर होगा.
IndusInd Bank के लिए क्या है आगे का आउटलुक?
इंडसइंड बैंक के सामने गवर्नेंस, पारदर्शिता और मैनेजमेंट सक्सेशन से जुड़े कई गंभीर सवाल हैं. Microfinance पोर्टफोलियो में slippages पहले से चुनौती थे, और अब ब्याज आय की गलत रिपोर्टिंग से बैंक की विश्वसनीयता पर सीधा असर पड़ा है. हालांकि, बैंक की नेटवर्थ अभी मजबूत है, और कई ब्रोकरेज इसे शॉर्ट टर्म का झटका मान रहे हैं, लेकिन यदि यह गड़बड़ियां और गहरी हुईं तो रेगुलेटरी हस्तक्षेप और निवेशक भरोसे में गिरावट बैंक की ग्रोथ पर असर डाल सकती है.