AU स्मॉल फाइनेंस बैंक को रिजर्व बैंक ने यूनिवर्सल बैंक के रूप में काम करने की सैद्धान्तिक मंजूरी दे दी। इसका मतलब है कि अब AU बैंक सीमित सर्विस वाला स्मॉल फाइनेंस बैंक नहीं रहेगा।
यह फुल सर्विस बैंक की तरह काम करेगा, जो खाताधारकों और 1.15 करोड़ से ज्यादा ग्राहकों को रिटेल, एसएमई, कॉरपोरेट और इन्वेस्टमेंट बैंकिंग जैसी सर्विस मुहैया करा सकेगा।
अब ये बैंक ग्राहकों को क्रेडिट कार्ड, म्यूचुअल फंड, इंश्योरेंस, विदेशी करेंसी और बड़ी राशि के लोन जैसी सुविधाएं दे सकेगा, जो पहले उपलब्ध नहीं थीं। खाताधारकों को बेहतर दरें, कम शुल्क और देशभर में अधिक शाखाओं व डिजिटल टचपॉइंट्स की सुविधा मिलेगी।
नियामकीय निगरानी बढ़ने से बैंक की स्थायित्व और सुरक्षा भी बेहतर होगी। इससे ग्राहकों का भरोसा और संतुष्टि, दोनों बढ़ेगी। यूनिवर्सल बैंक बनने से AU की वित्तीय स्थिति और ब्रांड विश्वसनीयता मजबूत होगी। AU बैंक ने 03 सितंबर 2024 में यूनिवर्सल बैंक बनने के लिए आवेदन किया था। आरबीआई ने 7 अगस्त, 2025 को इस पर सैद्धांतिक मंजूरी दी है।
शेयर इस साल 33% चढ़े, 52 हफ्ते के हाई से 12% नीचे
बीएसई पर AUबैंक के शेयर 22 अगस्त को 1.34% गिरकर 742 रुपए पर बंद हुए। इस साल 22 अगस्त तक ये शेयर 33% चढ़ चुके हैं। बीते एक साल में AUबैंक के शेयर 19% चढ़े हैं। फिलहाल ये शेयर 52 हफ्तों के निचले स्तर 479 रुपए (18 मार्च) से 55% ऊपर हैं। लेकिन 52 हफ्तों के हाई 841 रुपए (2 जुलाई) से 12% नीचे है। शेयर 7 अगस्त को 744 रु. पर था। 22 अगस्त इसमें मामूली 0.22% की मामूली गिरावट आई है।
1996 में ऑटो फाइनेंस कंपनी के तौर पर हुई थी शुरुआत
AU बैंक की शुरुआत साल 1996 में राजस्थान के संजय अग्रवाल ने एक ऑटो फाइनेंस कंपनी के रूप में की थी। तब इसका नाम AU फाइनेंसियर्स (इंडिया) लिमिटेड था। शुरुआत में यह छोटी गाड़ियों के लिए लोन देती थी। बाद में बड़ी गाड़ियों और अन्य बिजनेस के लिए भी लोन देना शुरू कर दिया। इसने स्मॉल फाइनेंस बैंक के लिए 10 सितंबर 2014 को आरबीआई के पास आवेदन किया। 17 सितंबर 2015 को इसे सैद्धांतिक मंजूरी मिली।

AU बैंक की शुरुआत साल 1996 में राजस्थान के संजय अग्रवाल ने एक ऑटो फाइनेंस कंपनी के रूप में की थी।