Last Updated on September 2, 2025 17:59, PM by Khushi Verma
कई लोगों को अपने पिता या दादा-नाना से प्रॉपर्टी मिलती है। मेरठ के रहने वाले शुभम शुक्ला को अपने पिता से जून 2024 में 50 लाख का एक घर मिला था। उनके पास पहले से एक घर है। वह जानना चाहते हैं कि क्या इस घर के बारे में इनकम टैक्स रिटर्न में बताना जरूरी है। मनीकंट्रोल ने यह सवाल टैक्स एक्सपर्ट बलवंत जैन से पूछा।
जैन ने कहा कि अगर किसी व्यक्ति को विरासत में कोई संपत्ति मिलती है तो उस पर टैक्स चुकाने की जरूरत नहीं है। लेकिन, अगर पेरेंट्स या ग्रैंड पेरेंट्स से मिली प्रॉपर्टी को बेचते हैं और इस पर आपको प्रॉफिट होता है तो आपको टैक्स चुकाना होगा। इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 56(2(X) के मुताबिक, अगर एक वित्त वर्ष में कुल मिले गिफ्ट्स की वैल्यू 50,000 रुपये से ज्यादा है तो उसे उस व्यक्ति की इनकम माना जाता है, जिसे वह मिला है। लेकिन, अगर कोई संपत्ति विरासत में मिलती है या वसीयत के तहत मिलती है तो उसे इनकम नहीं माना जाता है।
उन्होंने कहा कि चूंकि वसीयत में मिली संपत्ति को इनकम नहीं माना जाता है, जिससे इस पर टैक्स लगने या टैक्स से छूट का सवाल पैदा नहीं होता है। इसलिए शुभम शुक्ला को इस प्रॉपर्टी को अपने इनकम टैक्स रिटर्न में डिसक्लोज करने की जरूरत नहीं है। लेकिन, अगर फाइनेंशियल ईयर 2024-25 में टैक्सपेयर की इनकम 1 करोड़ रुपये से ज्यादा है तो उसे कुछ खास एसेट्स और लायबिलिटीज के बारे में आईटीआर में बताना जरूरी है। फाइनेंशियल ईयर 2023-24 तक इसकी लिमिट 50 लाख रुपये थी।
जैन ने बताया कि अगर किसी व्यक्ति की इनकम एक वित्त वर्ष में 1 करोड़ रुपये से ज्यादा है तो उसे इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) के शिड्यूल एएल में अपनी चल और अचल संपत्ति के बारे में डिटेल जानकारी देनी होगी। चूंकि शुक्ला के पास वित्त वर्ष के अंतिम दिन एक से ज्यादा हाउस प्रॉपर्टी हैं तो उन्हें आईटीआर-3 फॉर्म का इस्तेमाल करना होगा भले ही वह सेक्शन 44डीए के तहत डॉक्टर्स के लिए उपलब्ध टैक्स की प्रिजम्प्टिव स्कीम का इस्तेमाल करने के हकदार हैं।