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SEBI ने बदले नियम: इंडेक्स डेरिवेटिव्स में अब इंट्राडे पोजिशन पर होगी सख्त निगरानी, समझ लें क्या है मतलब | Zee Business

SEBI ने बदले नियम: इंडेक्स डेरिवेटिव्स में अब इंट्राडे पोजिशन पर होगी सख्त निगरानी, समझ लें क्या है मतलब | Zee Business

Last Updated on September 2, 2025 17:01, PM by Khushi Verma

 

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने शेयर सूचकांक वायदा और विकल्प कारोबार को और पारदर्शी बनाने के लिए बड़ा कदम उठाया है. सेबी ने इंट्राडे पोजिशन लिमिट (Intraday Position Limit) के नियमों में बदलाव किया है, जो 1 अक्टूबर 2025 से लागू होंगे. इन बदलावों का उद्देश्य खासतौर पर Expiry-Day पर अचानक आने वाली तेज हलचल और स्पेक्युलेटिव दांव को रोकना है.

पुराना नियम क्या था?

अब तक बाजार में नेट लिमिट सिर्फ ₹1,500 करोड़ और ग्रॉस लिमिट ₹10,000 करोड़ थी. इसकी खासियत यह थी कि यह सीमा केवल दिन खत्म होने पर (End-of-Day) चेक होती थी. ऐसे में ट्रेडर्स एक्सपायरी के दिन बड़े पैमाने पर दांव लगाते और मार्केट बंद होने से पहले पोजिशन काट देते. इससे इंडेक्स में अचानक उतार-चढ़ाव देखने को मिलता.

नया नियम कैसे बदलेगा खेल?

नए नियमों के तहत Net Intraday Limit को बढ़ाकर ₹5,000 करोड़ कर दिया गया है, जबकि ग्रॉस लिमिट अभी भी ₹10,000 करोड़ ही रहेगी. फर्क इतना है कि अब यह निगरानी सिर्फ दिन के आखिर में नहीं होगी, बल्कि पूरे दिन बाजार पर नजर रखी जाएगी.

निगरानी का नया तरीका

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अब एक्सचेंज दिन में कम से कम 4 बार Random Snapshot लेंगे. इनमें से एक Snapshot दोपहर 2:45 से 3:30 बजे के बीच लेना अनिवार्य होगा. यानी, अब पोजिशन किसी भी समय जांची जा सकती है, जिससे अचानक बड़े दांव लगाना मुश्किल हो जाएगा.

Expiry-Day पर खास सख्ती

नए नियमों में एक्सपायरी के दिन विशेष प्रावधान रखे गए हैं. यदि कोई संस्था लिमिट का उल्लंघन करती है तो उस पर जुर्माना लगेगा. साथ ही एक्सचेंज ग्राहकों से इसका कारण पूछ सकते हैं और जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त मार्जिन या डिपॉजिट भी मांग सकते हैं.

क्यों जरूरी थे ये बदलाव?

सेबी का मानना है कि यह ढांचा बाजार को और मजबूत बनाएगा. एक्सपायरी के दिन अचानक आने वाले स्पेक्युलेटिव स्पाइक्स रुकेंगे. Risk Management बेहतर होगा. Liquidity और Hedging को संतुलन मिलेगा. यह कदम ऐसे समय आया है जब हाल ही में सेबी ने एक बड़ी विदेशी ट्रेडिंग कंपनी पर इंडेक्स मैनिपुलेशन के आरोपों में प्रतिबंध लगाया था.

निवेशकों के लिए क्या मायने?

इस नियम से बाजार ज्यादा Stable और Fair होगा. खुदरा निवेशकों को अचानक आने वाली उथल-पुथल से राहत मिलेगी और इंडेक्स डेरिवेटिव्स में काम करने वाले खिलाड़ियों को लिमिट के भीतर रहकर ट्रेड करना होगा.

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