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Physicswallah IPO: 18 नवंबर को लिस्टिंग पर मुनाफा होगा या घाटा? ग्रे मार्केट दे रहा यह संकेत

Physicswallah IPO: 18 नवंबर को लिस्टिंग पर मुनाफा होगा या घाटा? ग्रे मार्केट दे रहा यह संकेत

Last Updated on November 16, 2025 14:47, PM by Khushi Verma

Physicswallah IPO: ऑनलाइन एजुकेशन प्लेटफॉर्म फिजिक्सवाला का पब्लिक इश्यू 1.92 गुना सब्सक्रिप्शन के साथ बंद हो चुका है। क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स के लिए रिजर्व हिस्सा 2.86 गुना, नॉन इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स के लिए रिजर्व हिस्सा 0.51 गुना और रिटेल इनवेस्टर्स के लिए रिजर्व हिस्सा 1.14 गुना सब्सक्राइब हुआ। एंप्लॉयीज के लिए रिजर्व हिस्से को 3.71 गुना सब्सक्रिप्शन मिला। अब 18 नवंबर को BSE, NSE पर कंपनी की लिस्टिंग का इंतजार है।

ग्रे मार्केट से मिल रहे संकेत की बात करें तो फिजिक्सवाला का शेयर फिलहाल 8 रुपये या 7.34 प्रतिशत प्रीमियम पर ट्रेड कर रहा है। ग्रे मार्केट एक अनऑथराइज्ड मार्केट है, जहां किसी कंपनी के शेयर उसकी लिस्टिंग तक ट्रेड करते हैं। कंपनी ने IPO से पहले एंकर इनवेस्टर्स से 1,562.85 करोड़ रुपये जुटाए थे।

₹3100 करोड़ का था IPO

फिजिक्सवाला IPO के लिए प्राइस बैंड 103–109 रुपये प्रति शेयर था। 3480 करोड़ रुपये के IPO में 3100 करोड़ रुपये के 28.44 करोड़ नए शेयर जारी हुए। साथ ही 380 करोड़ रुपये के 3.49 करोड़ शेयरों का ऑफर फॉर सेल रहा। फिजिक्सवाला के फाउंडर अलख पांडेय और ​प्रतीक बूब हैं। कंपनी में वेस्टब्रिज कैपिटल एलएलपी और हॉर्नबिल कैपिटल पार्टनर्स का भी पैसा लगा हुआ है। फिजिक्सवाला ने मार्च 2025 में कॉन्फिडेंशियल रूट से IPO का ड्राफ्ट जमा किया था। इसे SEBI ने जुलाई में मंजूरी दी थी। इसके बाद कंपनी ने सितंबर 2025 में अपडेटेड ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस जमा किया।

IPO के पैसों का कैसे होगा इस्तेमाल

फिजिक्सवाला IPO में नए शेयरों को जारी कर हासिल होने वाले पैसों में से मार्केटिंग पहलों पर 710 करोड़ रुपये, मौजूदा ऑफलाइन और हाइब्रिड सेंटर्स के लिए लीज पेमेंट पर 548 करोड़ रुपये, नए सेंटर्स पर पूंजीगत व्यय के लिए 460 करोड़ रुपये, सहायक कंपनी जाइलम लर्निंग प्राइवेट लिमिटेड में निवेश के लिए 471 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

कंपनी ने जून 2025 तिमाही में 152 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया। एक साल पहले घाटा ₹102.2 करोड़ रहा था। हालांकि कंपनी का रेवेन्यू जून 2025 तिमाही में सालाना आधार पर 33.3% बढ़कर 847 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। पूरे वित्त वर्ष 2025 में कंपनी का घाटा घटकर 225.8 करोड़ रुपये रह गया, वहीं रेवेन्यू 48.7% बढ़कर ₹2,886.6 करोड़ तक पहुंच गया।

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