Last Updated on November 20, 2025 2:45, AM by Pawan
फिनटेक कंपनी ग्रो (Groww) के शेयर में बुधवार को पहली बार गिरावट देखी गई। शेयर में 10% का लोअर सर्किट लग गया और यह 169.94 रुपये पर बंद हुआ। लिस्टिंग के बाद से इस शेयर में जबरदस्त तेजी आ रही थी। एक समय तो आईपीओ प्राइस से 90% से भी ज्यादा बढ़ गया था। जानकारों का कहना है कि यह गिरावट शायद इसलिए आई है क्योंकि शेयर की कीमत बहुत ज्यादा हो गई है और अब निवेशक थकने लगे हैं।
शेयर में गिरावट के 3 कारण
ग्रो (Groww) के शेयर की लिस्टिंग के बाद से ही चाल बहुत उतार-चढ़ाव वाली रही है। लिस्टिंग के शुरुआती कुछ दिनों में शेयर रॉकेट की तरह ऊपर गया और फिर अचानक नीचे गिरकर लोअर सर्किट पर आ गया। कंपनी के शेयर में गिरावट के तीन प्रमुख कारण हैं।
1. लिस्टिंग के बाद जबरदस्त डिमांड
लिस्टिंग के तुरंत बाद शेयर में भारी खरीदारी हुई। जैसे ही ग्रो का शेयर बाजार में आया, निवेशकों ने इसे हाथों-हाथ लिया। इसी वजह से शुरुआती कुछ दिनों में शेयर की कीमत बहुत तेजी से बढ़ी। तापसे कहते हैं कि शेयर में शुरुआती तेजी जबरदस्त डिमांड और ट्रेडर्स की भीड़ की वजह से आई, जो इस शेयर में जल्दी से पैसा लगाना चाहते थे। उन्होंने यह भी बताया कि निवेशक ग्रो को उसके मार्केट शेयर और यूजर ग्रोथ की वजह से बहुत ज्यादा वैल्यू दे रहे थे। इसलिए यह तेजी कुछ समय के लिए बाजार की चाल और लंबे समय की उम्मीदों का मिला-जुला असर थी।
2. कम शेयर ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध होना
ग्रो के बहुत कम शेयर ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध हैं। अभी कंपनी के सिर्फ करीब 7% शेयर ही बाजार में खरीदे-बेचे जा रहे हैं। बाकी लगभग 93% शेयर आईपीओ में निवेश करने वाले निवेशकों के पास लॉक हैं। जब बाजार में खरीदने के लिए इतने कम शेयर होते हैं, तो थोड़ी सी भी डिमांड सप्लाई पर भारी पड़ जाती है। ऐसे शेयरों में अगर थोड़ी सी भी खरीदारी होती है तो कीमत बहुत तेजी से ऊपर चली जाती है क्योंकि बेचने वाले ज्यादा नहीं होते।
इसी वजह से शॉर्ट सेलर्स (जिन्होंने शेयर उधार लेकर बेचे थे) फंस जाते हैं, जैसा कि ग्रो के साथ पहले हुआ था। जिन ट्रेडर्स ने शेयर बिना अपने पास रखे बेच दिए थे, जब शेयर ऊपर जाने लगा तो वे उसे वापस खरीद नहीं पाए। उन्हें ऊंची कीमतों पर शेयर खरीदने पड़े, जिससे शेयर की कीमत में और भी ज्यादा उतार-चढ़ाव आया।
3. वैल्यूएशन का भी दिखा असर
ग्रो के शेयर में गिरावट का एक कारण इसकी कीमत का बहुत ज्यादा होना भी है। ग्रो का मार्केट कैप एक समय पर 1.15 लाख करोड़ रुपये से भी ऊपर चला गया था। यह आईपीओ के समय तय की गई कीमत से करीब 61,000 करोड़ रुपये ज्यादा था। कुछ जानकारों का मानना है कि कीमत का इतना ज्यादा बढ़ना ही अभी शेयर पर बिकवाली का दबाव बना रहा है।