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IT कंपनी इंफोसिस के जरूरत से ज्यादा कैश: इसलिए 18,000 करोड़ रुपए के शेयर वापस खरीदेगी; कल से शुरू हो रहा बायबैक क्या है

IT कंपनी इंफोसिस के जरूरत से ज्यादा कैश:  इसलिए 18,000 करोड़ रुपए के शेयर वापस खरीदेगी; कल से शुरू हो रहा बायबैक क्या है

Last Updated on November 20, 2025 7:59, AM by Khushi Verma

 

मुंबई1 मिनट पहले

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आईटी कंपनी इंफोसिस अपना अब तक का सबसे बड़ा शेयर बायबैक करने जा रही है। कंपनी इसमें अपने निवेशकों से 10 करोड़ शेयर ₹1,800 प्रति शेयर के रेट पर खरीदेगी। इससे उसकी 2.41% हिस्सेदारी वापस मिलेगी।

 

यह 18,000 करोड़ रुपए का प्रोग्राम 20 नवंबर (गुरुवार) से सब्सक्रिप्शन के लिए खुलेगा और 26 नवंबर को बंद होगा। रिकॉर्ड डेट 14 नवंबर को तय हुई है, यानी जिन लोगों ने इस तारीख से पहले शेयर खरीदा है, वे इसमें शामिल हो सकते हैं। 25.85 लाख छोटे शेयरधारक इसमें शामिल हैं।

शेयर बायबैक क्या होता है?

कंपनी ने रेगुलेटरी फाइलिंग में जो कहा उसे आसान भाषा में समझिए… ‘कंपनी के पास अभी जरूरत से बहुत ज्यादा कैश पड़ा है। भविष्य में जितनी कैश की जरूरत पड़ेगी, उसका हिसाब रखते हुए भी अभी काफी सरप्लस (अतिरिक्त) कैश बचा है। इसलिए कंपनी यह अतिरिक्त पैसा बैंक में रखने की बजाय शेयरहोल्डर्स को वापस लौटा रही है- वो भी अपने ही शेयर बाजार से खरीदकर।’

इंफोसिस का सबसे बड़ा बायबैक

साल बायबैक साइज
2017 13,000
2019 8,260
2021 9,200
2022-23 9,300
2025 18,000

शेयर बायबैक क्यों किया जाता है?

आसान भाषा में, शेयर बायबैक तब होता है जब कोई कंपनी अपने ही शेयरों को निवेशकों से वापस खरीदती है। ऐसा करने के कई फायदे हैं:

  • कम शेयर, ज्यादा वैल्यू: शेयरों की संख्या कम होने से हर शेयर की कमाई (EPS) बढ़ती है, जिससे शेयर की कीमत ऊपर जा सकती है।
  • कैश का इस्तेमाल: अगर कंपनी के पास जरूरत से ज्यादा कैश है, तो वो उसे बायबैक में लगाकर निवेशकों को फायदा देती है।
  • कॉन्फिडेंस का संदेश: बायबैक से कंपनी ये दिखाती है कि उसे अपने भविष्य पर भरोसा है और उसे लगता है कि उसके शेयर अंडरवैल्यूड हैं।

दो कैटेगरी में बंटा प्रोग्राम, छोटे निवेशकों को प्रायोरिटी

इंफोसिस का यह बायबैक दो हिस्सों में बंटा है-

रिजर्व्ड कैटेगरी- छोटे निवेशक यानी जिनके पास कंपनी के ₹2 लाख तक के शेयर हैं। इनको 15% शेयरों का रिजर्वेशन मिलेगा, जो उनकी एंटाइटलमेंट से ज्यादा होगा। रिजर्व्ड कैटेगरी में बायबैक रेश्यो 2:11 है, यानी हर 11 शेयर पर 2 शेयर टेंडर किए जा सकेंगे।

जनरल कैटेगरी- 2 लाख रुपए मूल्य से ज्यादा के शेयर रखने वाले इस कैटेगरी में आते हैं। इस कैटेगरी में बायबैक रेश्यो 17:706 रहेगा।

एंटाइटलमेंट का मतलब है कि रिकॉर्ड डेट पर कितने शेयर हैं, उसके हिसाब से टेंडर (बेचने के लिए ऑफर) करने का हक।

डिविडेंड बढ़ेगा, शेयरहोल्डर्स वैल्यू में इजाफा

इंफोसिस का मानना है कि यह बायबैक शेयरधारकों के लिए फायदेमंद साबित होगा। इक्विटी बेस घटने से प्रति शेयर पर रिटर्न यानी कमाई बढ़ेगी। कंपनी अपने छमाही डिविडेंड को जारी रखेगी और स्पेशल डिविडेंड देने पर भी विचार करेगी। फाइनेंशियल ईयर 2025 से शुरू होकर अगले 5 सालों में 85% फ्री कैश फ्लो रिटर्न का टारगेट है।

एक साल 15% गिरा इंफोसिस का शेयर

आज यानी 19 नवंबर को इंफोसिस का शेयर 3.67% चढ़कर 1,541 पर कारोबार कर रहा है। बीते एक महीने में कंपनी का शेयर 5.48% चढ़ा है। हालांकि बीते 6 महीने में यह 1.21%, एक साल में 15.55% और इस साल यानी 1 जनवरी से अब तक 18.14% गिरा है। कंपनी की मार्केट वैल्यू ​​​​​​​6.4 लाख करोड़ रुपए है।

नारायण मूर्ति ने 1981 में की थी कंपनी की शुरुआत

1981 में स्थापित, इंफोसिस एक NYSE लिस्टेड ग्लोबल कंसलटिंग और आईटी सर्विसेज कंपनी है। 250 डॉलर (आज के हिसाब से करीब 22,000 रुपए) की पूंजी से कंपनी की शुरुआत हुई थी।

40 साल पुरानी कंपनी के 56 से अधिक देशों में करीब 1900 ग्राहक है। इसकी दुनियाभर में 13 सब्सिडियरी कंपनियां है। कंपनी के नारायण मूर्ति हैं। CEO और मैनेजिंग डायरेक्टर सलील पारेख है। डी सुंदरम लीड इंडिपेंडेंट डायरेक्टर है।

इंफोसिस का मुनाफा दूसरी तिमाही में 13.2% बढ़ा

इंफोसिस का जुलाई-सितंबर क्वार्टर में कॉसोलिडेटेड नेट प्रॉफिट पिछले साल के इसी क्वार्टर के मुकाबले 13.2% बढ़कर 7,364 करोड़ रुपए हो गया। पिछले साल की समान तिमाही में ये 6,506 करोड़ रुपए रहा था। वहीं रेवेन्यू 8.6% बढ़कर 44,490 करोड़ रुपए पहुंच गया, जो पहले 40,986 करोड़ रुपए था।

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