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Tata Technologies Share: ₹250000000000 का नुकसान… टाटा के ताज में फीकी पड़ी इस शेयर की चमक, कहां हुई कंपनी से गलती?

Tata Technologies Share: ₹250000000000 का नुकसान… टाटा के ताज में फीकी पड़ी इस शेयर की चमक, कहां हुई कंपनी से गलती?

Last Updated on November 20, 2025 14:27, PM by Pawan

टाटा ग्रुप में कई कंपनियां शेयर मार्केट में लिस्ट हैं। ये निवेशकों को अच्छा मुनाफा भी दे रही हैं। लेकिन एक कंपनी ऐसी है जो नुकसान पर नुकसान कर रही है। इसका नाम टाटा टेक्नोलॉजीज लिमिटेड ( Tata Technologies Ltd ) है। स्थिति यह है कि यह शेयर लिस्टिंग वाले दिन से लेकर अब तक करीब 44 फीसदी और अपने ऑल टाइम हाई से करीब 50 फीसदी गिर गया है। गुरुवार दोपहर करीब 12 बजे यह शेयर मामूली गिरावट के साथ 681.80 रुपये पर कारोबार कर रहा था।

टाटा टेक्नोलॉजीज से टाटा ग्रुप की बड़ी उम्मीद थी। जब नवंबर 2023 में कंपनी का आईपीओ आया, तो इसने निवेशकों को मालामाल कर दिया। शेयर अपने आईपीओ प्राइस से 140% ऊपर खुला। निवेशकों को लगा कि वे भारत के सबसे भरोसेमंद ग्रुप की एक बेहतरीन इंजीनियरिंग और R&D सर्विस कंपनी खरीद रहे हैं। इकोनॉमिक टाइम्स के अनुसार कुछ हफ्तों तक तो सब बढ़िया रहा। लेकिन फिर कहानी पलट गई। शेयर अपने लिस्टिंग वाले दिन के हाई से करीब 50% गिर गया और फिर कभी संभल नहीं पाया। दो साल बाद, यह शेयर स्टॉक मार्केट के एक कोने में पड़ा है और कई ब्रोकरेज फर्म अभी भी इस पर सतर्क या नकारात्मक रुख रखे हुए हैं।

मार्केट कैप में बड़ी गिरावट

लिस्टिंग के बाद से टाटा टेक्नोलॉजीज के शेयर ने कभी भी ठीक से वापसी करने की कोशिश नहीं की। हां, बीच-बीच में छोटी-मोटी तेजी आई, लेकिन यह बहुत कम रही। यह एक लंबी गिरावट है जो शायद जल्द खत्म होने वाली नहीं है। कंपनी का मार्केट वैल्यू 53,000 करोड़ रुपये के शिखर से घटकर अभी 27,680 करोड़ रुपये रह गया है। यानी कंपनी को करीब 25,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

क्या गलत हुआ कंपनी के साथ?

सबसे पहले कंपनी का वित्तीय प्रदर्शन उतार-चढ़ाव भरा रहा है। टाटा टेक्नोलॉजीज के कुछ क्षेत्र मजबूत हैं, खासकर ऑटोमोबाइल के अलावा एयरोस्पेस और भारी औद्योगिक मशीनरी जैसे क्षेत्र। लेकिन सच्चाई यह है कि इसके सबसे बड़े ग्राहक टाटा मोटर्स और जगुआर लैंड रोवर (JLR) खुद मुश्किलों से गुजर रहे हैं। कंपनी अपने आधे से ज्यादा रेवेन्यू के लिए टाटा मोटर्स और JLR पर निर्भर है।

विश्लेषकों का कहना है कि इससे कंपनी की ग्रोथ की संभावनाओं पर असर पड़ा और रेवेन्यू में एक खास जगह पर निर्भरता की समस्या पैदा हो गई, जो अभी भी सेंटीमेंट पर भारी पड़ रही है। भले ही यह शेयर टाटा ग्रुप का है और ब्रांड की पहचान अभी भी मजबूत है, लेकिन जब तक ग्रोथ व्यापक नहीं होती और मार्जिन में सुधार नहीं आता, तब तक इसकी ऊंची वैल्यू को सही ठहराना मुश्किल है।

क्या है आगे उम्मीद?

जिन निवेशकों ने IPO में पैसा लगाया था, उनका अनुभव शुरुआती उत्साह के वादों से बिल्कुल अलग रहा है। शेयर शुरू से ही बहुत महंगी वैल्यूएशन पर ट्रेड कर रहा था, जिससे गलती की कोई गुंजाइश नहीं बची थी।

जब ग्रोथ धीमी हुई और मार्जिन कम हुए, तो बाजार ने जल्दी से उम्मीदें बदल दीं। आज, कुछ तिमाहियों में मामूली सुधार दिखने के बावजूद ब्रोकरेज फर्मों की राय सतर्क बनी हुई है। कुछ बेचने की सलाह दे रहे हैं, जबकि कुछ एक्सपोजर कम करने की सलाह दे रहे हैं। कोई भी इसे ‘धमाकेदार बाय’ नहीं कह रहा है।

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