Last Updated on November 21, 2025 9:30, AM by Pawan
Sovereign Gold Bond: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) 2017-18 सीरीज-VIII के अंतिम रिडेम्पशन से जुड़ी सभी जानकारी जारी कर दी है। यह बॉन्ड 20 नवंबर 2017 को जारी हुआ था। इसकी आठ साल की अवधि पूरी हो रही है और यह 20 नवंबर 2025 को मैच्योर हो रहा है।
अंतिम रिडेम्पशन प्राइस कितना है?
RBI ने इस सीरीज का अंतिम रिडेम्पशन प्राइस ₹12,300 प्रति यूनिट तय किया है। यह कीमत रिडेम्पशन डेट से पहले के तीन कारोबारी दिनों- 17, 18 और 19 नवंबर 2025 के दौरान 999 शुद्धता वाले सोने के औसत दामों पर आधारित है। इन दामों को इंडियन बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) ने प्रकाशित किया था।
जिन निवेशकों ने यह बॉन्ड ₹2,951 प्रति ग्राम के इश्यू प्राइस पर खरीदा था, उन्हें मैच्योरिटी की राशि सीधे उनके बैंक खातों में भेज दी जाएगी।
निवेशकों को कितनी कमाई होगी?
जिन निवेशकों SGB 2017-18 Series-VIII को ₹2,951 प्रति ग्राम पर खरीदा था, वे अब इसे ₹12,300 प्रति यूनिट पर रिडीम करेंगे। इससे उन्हें आठ साल में प्रति यूनिट ₹9,349 का सीधा मुनाफा मिलेगा।
यह कुल मिलाकर लगभग 317% की रिटर्न बैठता है। सालाना आधार पर यह करीब 19.7% CAGR रिटर्न देता है। इसमें SGB पर मिलने वाला 2.5% सालाना ब्याज शामिल नहीं है। ब्याज जोड़ने पर कुल रिटर्न और ज्यादा हो जाता है। इसी वजह से यह सीरीज लंबे समय के निवेशकों के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद SGB में से एक मानी जा रही है।
SGB स्कीम क्या है?
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम को सरकार ने नवंबर 2015 में लॉन्च किया था। इसका मकसद था लोगों को फिजिकल सोना खरीदने के बजाय सुरक्षित और आसान विकल्प देना, सोने के आयात पर निर्भरता कम करना और घरेलू बचत को वित्तीय परिसंपत्तियों में लाना।
ये बॉन्ड RBI सरकार की ओर से जारी करता है और इन्हें सोने के ग्राम में नामित किया जाता है। निवेशक को दो तरह का फायदा मिलता है- इश्यू पर 2.5% सालाना ब्याज और गोल्ड प्राइस बढ़ने पर पूंजीगत लाभ।
बॉन्ड की अवधि आठ साल होती है, लेकिन निवेशक चाहें तो पांच साल बाद ब्याज भुगतान की तारीख पर बाहर निकल सकते हैं। ये बॉन्ड स्टॉक एक्सचेंज पर ट्रेड भी किए जा सकते हैं, दूसरों को ट्रांसफर किए जा सकते हैं या लोन के लिए गिरवी रखे जा सकते हैं।
SGB कैसे खरीदे जाते हैं?