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Farming tips: छोटा निवेश, बड़ा फायदा, जानिए सफेदा से बंपर कमाई का राज

Farming tips: छोटा निवेश, बड़ा फायदा, जानिए सफेदा से बंपर कमाई का राज

Last Updated on November 23, 2025 18:00, PM by Pawan

खेती में नए विकल्पों की तलाश आजकल छोटे और बड़े किसानों के लिए बहुत जरूरी हो गई है। खेतों में लंबे-सफेदा (यूकेलिप्टस) के पेड़ अक्सर नजर आते हैं, लेकिन ज्यादातर किसान इसे नजरअंदाज कर देते हैं, क्योंकि इसकी खेती के फायदे उन्हें ठीक से पता नहीं होते। धौलपुर के युवा किसान सुशील शर्मा ने इस परंपरागत सोच को तोड़ते हुए सफेदा की खेती को लाभ का शानदार जरिया बना लिया है। सुशील बताते हैं कि उन्होंने आगरा से पौधे मंगवाए और कम लागत में अपने तीन एकड़ जमीन पर 1200 पेड़ लगाए। इस खेती से उन्हें न केवल अच्छा मुनाफा मिल रहा है, बल्कि इसे देखकर आसपास के किसान भी इस ओर आकर्षित हो रहे हैं।

सफेदा की लकड़ी की लगातार बाजार में मांग और इसकी कम देखभाल की जरूरत इसे छोटे और सीमांत किसानों के लिए बेहद आकर्षक विकल्प बनाती है। इस तरह कम लागत में भी स्थायी आय का रास्ता खुल गया है।

कम लागत, बड़ी तैयारी

लोकल 18 से बात करते हुए सुशील बताते हैं कि वो आगरा से सफेदा के पौधे लाते हैं, जिनकी कीमत 15–20 रुपए प्रति पौधा है। तीन एकड़ में लगभग 1200 पेड़ लगाकर 40 हजार रुपए की लागत आती है, जो अन्य पारंपरिक फसलों की तुलना में काफी कम है।

2–3 साल में तैयार, लाखों का मुनाफा

सफेदा के पेड़ 2–3 साल में कटाई के लिए तैयार हो जाते हैं। एक पेड़ का वजन 200–300 किलो तक होता है और बाजार में लगभग 1000 रुपए बिकता है। 1200 पेड़ों से आसानी से 10 लाख रुपए तक की कमाई हो जाती है।

उपयोग और बाजार की मांग

सफेदा की लकड़ी का उपयोग फर्नीचर, हार्डबोर्ड, ईंधन और उद्योगों में होता है। इसकी लगातार मांग होने के कारण बिक्री की कोई चिंता नहीं रहती।

सही समय और सिंचाई

सफेदा की खेती के लिए जून से अक्टूबर का समय सबसे अच्छा माना जाता है। इस दौरान बारिश की वजह से शुरुआती सिंचाई कम करनी पड़ती है। इसके बाद हर 60 दिन में सिंचाई की जरूरत होती है, जिससे खेती आसान हो जाती है।

मुनाफा बढ़ाने के टिप्स

सफेदा के पेड़ में दीमक का खतरा रहता है, इसलिए सफेद चूने की पुताई करना जरूरी है। साथ ही, पौधे लगाने से पहले खेत में गोबर की खाद डालना फायदेमंद होता है। इससे पेड़ तेजी से बढ़ते हैं और तने मजबूत बनते हैं।

सीख छोटे किसानों के लिए

सुशील शर्मा का ये मॉडल उन किसानों के लिए प्रेरणा है, जो कम लागत में ज्यादा मुनाफा कमाना चाहते हैं। सफेदा की खेती आसान, लाभकारी और लंबे समय तक स्थायी आय देने वाली साबित होती है।

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