Last Updated on November 26, 2025 8:51, AM by Pawan
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केंद्र सरकार द्वारा आयकर छूट बढ़ाने से रिवर्स ट्रेंड देखने को मिल रहा है। इनकम टैक्स में छूट बढ़ने के बाद आशंका थी कि टैक्स रिटर्न करने वालों की संख्या और कुल रिटर्न कम हो जाएगा। लेकिन बीते 3 साल में 5 से 10 लाख आय वाले रिटर्न दाताओं की हिस्सेदारी 2.8 गुना बढ़ी है।
वित्त वर्ष 2023-24 में 5 लाख से 10 लाख की आय ब्रैकेट में 16.39% लोगों ने रिटर्न भरा था। इसी क्रम में 2024-25 में 37% लोगों ने रिटर्न भरा, जबकि 2025-26 में यह 46% हो चुका है।
बता दें कि 2025-26 से न्यू टैक्स रिजीम के तहत अब 12 लाख तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं लेगा। नौकरीपेशा के लिए 75 हजार के स्टैंडर्ड डिडक्शन के साथ यह छूट 12.75 लाख रुपए हो जाएगी।

डर खत्म हुआ… इसलिए लोग सामने आए
- नोटिस का डर खत्म: आईसीएआई पूर्व चेयरमैन (डायरेक्ट टैक्स कमेटी) चंद्रशेखर चितले के अनुसार छूट सीमा बढ़ने को करदाता सुरक्षा का संकेत मानते हैं। पहले, छोटे कारोबारी नोटिस के भय से टैक्स देने से बचते थे।
- आय नहीं छिपा रहे: आय का बड़ा हिस्सा कर-मुक्त होने पर करदाता पूरी आय घोषित करता है। यह मानसिक रूप से सुकून देता है। ईमानदारी मुफ्त है, तो लोग ईमानदारी चुनते हैं।
- डिजिटल ट्रैकिंग: यूपीआई, जीएसटी और एआईएस जैसी डिजिटल सिस्टम से लेन-देन को ट्रेस करना आसान बना दिया है। करदाता इसके कारण टैक्स नियमों का पालन कर रहे हैं।
- उच्च छूट की सीमा: उन लोगों के लिए ‘खुद को साफ करने’ का मौका देती है, जिन्होंने अतीत में डर से कम आय घोषित की थी।
- आय भी बढ़ी: एक हिस्सा देश की वास्तविक समृद्धि को भी दर्शाता है। औपचारिक वेतन, गिग इकोनॉमी और छोटे व्यवसायों में वृद्धि के कारण बड़ी आबादी की आय पहले से बढ़ी है।
पहली बार इनकम टैक्स कलेक्शन 25 लाख करोड़ रुपए पार होगा संसद में केंद्र ने बताया था कि 5 साल में कॉर्पोरेट, एचयूएफ और व्यक्तिगत आयकरदाताओं को 13.23 लाख करोड़ रु. की छूट दी गई, लेकिन टैक्स कलेक्शन में गिरावट नहीं आई।
इस साल पहली बार कुल 25.2 लाख करोड़ के टैक्स संग्रह का लक्ष्य रखा है। यह 12.75 लाख तक की आय को करमुक्त करने के बाद भी बीते वर्ष के 22.26 लाख करोड़ से 13.36% ज्यादा है।
रिटर्न भरने वाले दो साल 2022-23 से 2023-24 के बीच में 1.39 करोड़ बढ़े हैं। इस वर्ष यह संख्या रिकॉर्ड 10 करोड़ पहुंच सकती है। 31 अक्टूबर तक यह संख्या 8 करोड़ को पार कर चुकी है। इसमें ऑडिट और कंपनी के रिटर्न शामिल नहीं हैं।