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Share Market Rally: ₹4000000000000 की बारिश… शेयर मार्केट में गजब की तेजी, इन 5 कारणों से बाजार में आया उछाल

Share Market Rally: ₹4000000000000 की बारिश… शेयर मार्केट में गजब की तेजी, इन 5 कारणों से बाजार में आया उछाल

Last Updated on November 26, 2025 18:59, PM by Pawan

 

Sensex and Nifty 50 Rising: शेयर मार्केट में बुधवार का दिन निवेशकों के लिए खुशी लेकर आया। सेंसेक्स और निफ्टी 50 में गजब की तेजी आई। बीएसई का मार्केट कैप 4 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा बढ़ गया।

शेयर मार्केट में जबरदस्त तेजी
नई दिल्ली: बुधवार को शेयर बाजार में जबरदस्त उछाल देखने को मिला। सेंसेक्स और निफ्टी रिकॉर्ड स्तर के बहुत करीब पहुंच गए हैं। इनमें तीन दिन से गिरावट आ रही थी। बुधवार को इसमें आई तेजी की वजह अमेरिका के फेडरल रिजर्व (US Fed) की ओर से ब्याज दरें घटाने की उम्मीदें हैं। इन उम्मीदों ने बाजार में हफ्तों की घबराहट को दूर कर दिया है। दोपहर 2 बजे निफ्टी50 करीब 300 अंकों से ज्यादा बढ़कर 26,110 के पार चला गया। वहीं बीएसई सेंसेक्स 950 अंकों से ज्यादा चढ़कर 85,500 के स्तर को पार कर गया।बीएसई सेंसेक्स अब अपने सबसे ऊंचे स्तर 85,978 से सिर्फ 600 अंकों से भी कम दूर है, जो उसने 27 सितंबर 2024 को छुआ था। इसी तरह निफ्टी 50 भी अपने सितंबर 2024 के रिकॉर्ड 26,277 से 150 अंकों से भी कम की दूरी पर है। बुधवार को मार्केट में तेजी के कारण निवेशकों पर भी पैसों की बारिश हो गई। बीएसई में लिस्टेड सभी कंपनियों का कुल मार्केट कैप 4.23 लाख करोड़ रुपये बढ़कर करीब 473.65 लाख करोड़ रुपये हो गया।

मार्केट में तेजी के 5 मुख्य कारण

1. यूएस फेड की ओर से ब्याज दरें घटाने की उम्मीदें
बाजार को उम्मीद है कि अमेरिका का केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व (US Fed) साल 2025 की अपनी आखिरी पॉलिसी मीटिंग में ब्याज दरें घटाएगा। अमेरिका के उम्मीद से कमजोर आर्थिक आंकड़ों ने भी इन उम्मीदों को और मजबूत किया है। सीएमई ग्रुप के Fedwatch डेटा के अनुसार 85% लोग मानते हैं कि जेरोम पॉवेल और फेड रिजर्व ब्याज दरों में कटौती करेंगे।

2. वैश्विक बाजारों में तेजी
बुधवार को एशियाई शेयर बाजारों में भी उछाल देखा गया। वॉल स्ट्रीट पर रात भर की तेजी के बाद, अमेरिका के कमजोर आर्थिक आंकड़ों ने अगले महीने की पॉलिसी मीटिंग में फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरें घटाने की उम्मीदों को और पुख्ता कर दिया। जापान के बाहर एशिया-प्रशांत शेयरों का MSCI का सबसे व्यापक सूचकांक 1% बढ़ा, जबकि जापान का निक्केई 1.8% उछला। शुरुआती कारोबार में अमेरिकी स्टॉक फ्यूचर्स भी 0.2% ऊपर थे।

3. कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट
कच्चे तेल की कीमतें 60 डॉलर प्रति बैरल से थोड़ा ऊपर कारोबार कर रही हैं और लगभग एक महीने के निचले स्तर के करीब हैं। इसकी वजह यह चिंता है कि अगले साल वैश्विक तेल आपूर्ति मांग से ज्यादा हो सकती है। भारत तेल का एक बड़ा आयातक है, इसलिए कीमतों में गिरावट से आयात बिल कम होता है और उन कंपनियों को फायदा होता है जो कच्चे माल के तौर पर तेल का इस्तेमाल करती हैं।

4. FIIs की खरीदारी
25 नवंबर को विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने 785 करोड़ रुपये की इक्विटी खरीदकर बाजार में खरीदारी की। जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट वी. के. विजयकुमार का कहना है कि आगे चलकर FIIs की बिकवाली कम होने की संभावना है, क्योंकि AI ट्रेड का असर कम हो रहा है और भारतीय इक्विटी के लिए संभावनाएं बेहतर हो रही हैं।

5. कमजोर कमाई का निचला स्तर छूना
दूसरी तिमाही (Q2) के नतीजों के सीजन ने बाजार की भावना में स्पष्ट सुधार का संकेत दिया है। कंपनियों के मुनाफे में गिरावट की उम्मीदें कम हुई हैं और विश्लेषकों का मानना है कि यह गिरावट का दौर अब अपने निचले स्तर पर पहुंच गया है। वित्तीय वर्ष 2027 से कई ब्रोकरेज कंपनियां मुनाफे में दोहरे अंकों की वृद्धि की उम्मीद कर रही हैं। रेटिंग एजेंसी ICRA का अनुमान है कि भारत की कंपनियां तीसरी तिमाही (Q3 FY2026) में भी अपनी विकास की गति बनाए रखेंगी।

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