Last Updated on May 14, 2025 18:09, PM by Pawan
टाटा मोटर्स का प्रदर्शन चौथी तिमाही में अच्छ रहा है। जेएलआर का मार्जिन बढ़ा है, जिसमें कॉस्ट कंट्रोल में रखने की कोशिश का बड़ा हाथ है। मैनेजमेंट को आगे भी प्रदर्शन बेहतर रहने का भरोसा है। लेकिन, ब्रिटेन पर अमेरिकी टैरिफ को लेकर अनिश्चितता थोड़ी चिंता की बात है। जेएलआर के रेवेन्यू में साल दर साल आधार पर थोड़ा इजाफा देखने को मिला है। एबिट मार्जिन 150 बेसिस प्वाइंट्स बढ़ा है, जिससे यह 10 फीसदी से ऊपर पहुंच गया है। हालांकि, कंपनी के कमर्शियल व्हीकल (सीवी) बिजनेस का वॉल्यूम साल दर साल आधार पर 3 फीसदी घटा है।
सीवी बिजनेस का वॉल्यूम 10 फीसदी बढ़ा
तिमाही दर तिमाही आधार पर Tata Motors के सीवी बिजनेस का वॉल्यूम 10 फीसदी बढ़ा है। इसमें कंस्ट्रक्शन और माइनिंग सेक्टर में बढ़ती गतिविधियों का हाथ है। कमोडिटी की कीमतों में इजाफा से EBITDA मार्जिन कमजोर रहा। पैसेंजर व्हीकल (PV) के वॉल्यूम में 6 फीसदी गिरावट आई है। साल दर साल आधार पर इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) के होलसेल वॉल्यूम में भी 12.9 फीसदी कमी आई है। कॉस्ट में कमी करने के उपायों की वजह से EBITDA में इम्प्रूवमेंट आया है। इसमें PLI क्रेडिट का भी हाथ है।
चीन में कमजोर डिमांड का असर
लोअर बेस और डिमांड में रिकवरी की वजह से तिमाही दर तिमाही आधार पर यूके रीजन में होलसेल वॉल्यूम काफी बढ़ा है। चीन में कंपनी के लिए चुनितियां बने रहने के आसार हैं, क्योंकि वहां रिटेल बिजनेस की तस्वीर अब भी ठीक नहीं है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 2024 में JLR के आउटलेट्स में 30 फीसदी कमी आई है। इसका असर जेएलआर के प्रदर्शन पर पड़ा है।
यूएस-UK ट्रेड डील से राहत
हाल में अमेरिका और UK ने ट्रेड डील का ऐलान किया है। इसमें हर साल अमेरिका को UK से 1,00,000 कारों का एक्सपोर्ट शामिल है। इन पर 10 फीसदी का टैरिफ लागू होगा। पहले टैरिफ 27.5 फीसदी था। हालांकि, Nitra, Slovakia से डिफेंडर और डिस्कवरी की सेल्स पर अगले आदेश तक 27.5 फीसदी टैरिफ जारी रहेगा। अमेरिका और यूके के बीच ट्रेड डील से टाटा मोटर्स को राहत मिली है। अभी कंपनी इस ट्रेड डील की डिटेल जानने की कोशिश कर रही है। इसी वजह से मैनेजमेंट ने FY26 के लिए गाइडेंस देने से बचने की कोशिश की है।
EV गाड़ियों का सबसे बड़ा पोर्टफोलियो
CV सेगमेंट के लिए आउटलुक बेहतर हो रहा है। मैनेजमेंट को अगले साल तक डिमांड स्ट्रॉन्ग हो जाने की उम्मीद है। पैसेंजर व्हीकल (PV) सेगमेंट का आउटलुक अब भी कमजोर बना हुआ है। FY26 में इडस्ट्री की ग्रोथ 10 फीसदी से काफी कम रहने की उम्मीद है। इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EV) का सबसे बड़ा पोर्टफोलियो Tata Motors का है। इस पोर्टफोलियो में 8 से 20 लाख रुपये तक की गाड़ियां शामिल हैं। इसका मतलब है कि हर ग्राहक की जरूरत के हिसाब से कंपनी के पास मॉडल उपलब्ध है।
क्या आपको निवेश करना चाहिए?
सम-ऑफ-द-पार्ट्स (SOTP) वैल्यूएशन के आधार पर Tata Motors के शेयरों में 12.9 फीसदी तेजी की गुंजाइश दिखती है। इसका मतलब है कि इनवेस्टर्स लंबी अवधि के लिहाज से इस स्टॉक में इनवेस्ट कर सकते हैं। हालांकि, घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार में व्हीकल्स की कमजोर डिमांड जारी रहने का असर टाटा मोटर्स के प्रदर्शन पर पड़ सकता है। इधर, कमोडिटी की बढ़ती कीमतों का असर भी मार्जिन पर पड़ सकता है।