कृष्णा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (केआईएमएस) ने पिछले 4 सालों में अच्छा प्रदर्शन किया है। कंपनी ने हाल में वाइजग के क्वींस एनआरआई हॉस्पिटल में 100 फीसदी हिस्सेदारी हासिल की है। इस हॉस्पिटल की क्षमता 200 बेड की है। यह हॉस्पिटल हेल्थकेयर सेवाएं दे रही हैं। इसलिए अगले 2-3 सालों में किसी बड़े पूंजीगत खर्च की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसका मतलब है कि पूंजीगत खर्च के बगैर यह हॉस्पिटल कंपनी की कमाई में कंट्रिब्यूशन करना शुरू कर देगा।
KIMS ने एक्सपैंसन प्लान के तहत दो प्रोजेक्ट्स का टारगेट रखा है। इसमें एक प्रोजेक्ट बेंगलुरू में है और दूसरा मुंबई के थाणे में है। इन दोनों अस्पतालों में इस वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में कामकाज शुरू हो जाने की उम्मीद है। इसके अलावा कंपनी अपनी तीन यूनिट्स में बेड्स की संख्या बढ़ा रही है। KIMS विस्तार के लिए नए प्रोजेक्ट्स के साथ ही अपने पुराने हॉस्पिटल्स की क्षमता बढ़ाने पर फोकस कर रही है। इससे FY27 तक बेड्स की संख्या बढ़कर 2,300 तक पहुंच जाएगी।
केआईएमएस का प्रदर्शन चौथी तिमाही में अच्छा रहा है। रेवेन्यू की ग्रोथ 26 फीसदी और EBITDA ग्रोथ 25 फीसदी रही। इसमें वॉल्यूम और एवरेज रेवेन्यू प्रति ऑक्युपायड बेड (ARPOB) का हाथ है। इन-पेशेंट वॉल्यूम में साल दर साल आधार पर 16 फीसदी इजाफा हुआ, जबकि ARPOB साल दर साल 21 फीसदी चढ़ा। कंपनी का ARPOB FY21 में 20,000 रुपये था, जो FY25 में बढ़कर 40,000 करोड़ रुपये हो गया।
कंपनी की ज्यादातर नई यूनिट्स में कैश और इंश्योरेंस आधारित फैसिलिटीज हैं। ये यूनिट्स आरोग्यसारी स्कीम के तहत इंपैनल्ड नहीं हैं। इससे कंपनी के लिए ARPOB ज्यादा रहता है। यह ट्रेंड भविष्य में भी जारी रहने की उम्मीद है। कंपनी अपनी एवरेज लेंथ ऑफ स्टे (ALOS) भी घटाने में सफल रही है। यह FY21 में 5.5 डेज था, जो FY25 में घटकर 3.6 डेज पर आ गया। ALOS जितना कम होगा कंपनी के ARPOB के लिए उतना ही अच्छा होगा। इससे एवरेज रेवेन्यू प्रति पेशेंट बढ़ाने में मदद मिलती है।
Krishna Institute Of Medical Sciencs के शेयरों में 19 जून को बड़ी गिरावट आई। यह 2.57 फीसदी गिरकर 648 रुपये पर बंद हुआ। लेकिन, बीते एक साल में इस स्टॉक ने निवेशकों का मालामाल किया है। इस दौरान यह करीब 55 फीसदी चढ़ा है। शेयरों में अभी FY26 की अनुमानित EV/EBITDA के 25 गुना पर ट्रेडिंग हो रही है। शेयर की कीमत ज्यादा नहीं दिख रही है। लंबी अवधि के लिहाज से इस स्टॉक में निवेश बढ़ाया जा सकता है।