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Anlon Healthcare IPO Listings: सिर्फ 1% प्रीमियम के साथ लिस्ट हुआ शेयर, अब निवेशक खरीदें, बेचें या करें होल्ड?

Anlon Healthcare IPO Listings: सिर्फ 1% प्रीमियम के साथ लिस्ट हुआ शेयर, अब निवेशक खरीदें, बेचें या करें होल्ड?

Last Updated on September 3, 2025 17:01, PM by Khushi Verma

Anlon Healthcare IPO Listings: अनलोन हेल्थकेयर के शेयरों की लिस्टिंग लगभग सपाट रही। कंपनी के शेयर बुधवार 3 सितंबर को एनएसई पर महज 1 फीसदी की मामूली बढ़त के साथ 92 रुपये के भाव पर लिस्ट हुए। जबकि इसका आईपीओ प्राइस 91 रुपये का था। ऐसे में बड़े लिस्टिंग गेन की उम्मीद कर निवेशक मायूस हुए। हालांकि कंपनी की यह लिस्टिंग ग्रे मार्केट (GMP) के अनुमानों के मुताबिक रही। लिस्टिंग से पहले अनलोन हेल्थकेयर के अनलिस्टेड शेयर करीब 92 रुपये के भाव पर ट्रेड कर रहे थे, जो इसका लिस्टिंग प्राइस रहा।

आईपीओ को मिला अच्छा रिस्पॉन्स

अनलोन हेल्थकेयर के 121 करोड़ रुपये के आईपीओ को निवेशकों से अच्छा रिस्पॉन्स मिला था। 26 से 29 अगस्त तक खुले इस आईपीओ को 7 गुना से अधिक सब्सक्रिप्शन मिला था। कंपनी ने अपने आईपीओ के लिए 86 से 91 रुपये प्रति शेयर का प्राइस बैंड तय किया था।

अनलोन हेल्थकेयर फार्मास्युटिकल इंटरमीडिएट्स और एक्टिव फार्मास्युटिकल इंग्रेडिएंट्स (APIs) का निर्माण करती है।

अब निवेशक क्या करें?

आनंद राठी शेयर्स एंड स्टॉक ब्रोकर्स के फंडामेंटल रिसर्च हेड, नरेंद्र सोलंकी ने बताया, “ऊपरी प्राइस बैंड पर कंपनी का वैल्यूएशन वित्त वर्ष 2025 की अर्निंग्स के 19.0 गुना के P/E पर, 16.7 गुना के EV/EBITDA पर किया जा रहा है। निवेशक अपनी जोखिम उठाने की क्षमता के अनुसार लॉन्ग-टर्म नजरिए के साथ इस इश्यू को होल्ड करना जारी रख सकते हैं।”

हालांकि स्वास्तिका इन्वेस्टमार्ट की वेल्थ हेड, शिवानी न्याति ने निवेशकों को इस इश्यू से दूर रहने की सलाह दी। उन्होंने कहा, “कंपनी ग्लोबल मानकों के अनुरूप कुथ खास एपीआई के निर्माण और मार्केटिंग पर फोकस करती है। यह खुद को लॉक्सोप्रोफेन और इससे जुड़े फॉर्मूलेशन के पहले उत्पादक के रूप में बताती है। वित्त वर्ष 2024 में, ब्राजील में रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया के कारण इसकी रेवेन्यू ग्रोथ प्रभावित हुई थी। कंपनी का कारोबार गुजरात के राजकोट में स्थित एक ही प्लांट पर काफी निर्भर है। नए वित्तीय आंकड़ों को देखते हुए वैल्यूएशन ऊंचा लगता है। इसलिए, निवेशक इस आईपीओ से बचने पर विचार कर सकते हैं।”

INVasset PMS के बिजनेस हेड, हर्षल दासानी ने बताया, “कंपनी छोटे पैमाने पर काम करती है। हालांकि, इसके कस्टम सिंथेसिस बिजनेस और नई कैपेक्स योजनाएं इसे लंबी अवधि में बढ़त दिला सकती हैं। फिलहाल यह इश्यू उन्हीं निवेशकों के लिए उपयुक्त है जिनकी जोखिम उठाने की क्षमता ज्यादा है।”

 

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