Last Updated on October 30, 2025 7:25, AM by Khushi Verma
भारत में डिजिटल पेमेंट तेजी से बढ़ रहे हैं, लेकिन इसके साथ ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं। इस समस्या से निपटने के लिए देश के दो बड़े सरकारी बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) और बैंक ऑफ बड़ौदा (BoB), मिलकर एक नया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग (ML) आधारित रियल-टाइम फ्रॉड डिटेक्शन सिस्टम विकसित कर रहे हैं। यह पहल डिजिटल भुगतान सुरक्षा को मजबूत बनाने और धोखाधड़ी को तुरंत रोकने के उद्देश्य से की जा रही है।
क्या है नई पहल और इसका महत्व?
इस सिस्टम का नाम होगा Indian Digital Payment Intelligence Corporation (IDPIC), जो खाते के संदिग्ध लेनदेन को तुरंत पहचानकर रोकने में सक्षम होगा। इस कंपनी को सेक्शन 8 के तहत गैर-लाभकारी संस्था के रूप में स्थापित किया जाएगा, जिसमें पूरे देश के 12 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक हिस्सेदार होंगे। SBI और बैंक ऑफ बड़ौदा ने इस परियोजना के पहले चरण में 10-10 करोड़ रुपये का निवेश करने का फैसला किया है। इसके अलावा अन्य सरकारी बैंक भी इसमें भागीदारी करेंगे।
AI और मशीन लर्निंग की भूमिका
IDPIC के तहत तैयार किया जा रहा यह सिस्टम लेनदेन के डेटा का विश्लेषण करते हुए असामान्य पैटर्न का पता लगाएगा और धोखाधड़ी की गतिविधियों को तत्काल रोक सकेगा। वर्तमान में RBI की म्यूलहंटर AI तकनीक का उपयोग होता है, लेकिन नए सिस्टम में मशीन लर्निंग और व्यवहारिक बायोमेट्रिक्स जैसे उन्नत एल्गोरिदम का इस्तेमाल होगा, जिससे धोखाधड़ी का पता और रोकथाम अधिक प्रभावी होगी।
डिजिटल भुगतान की सुरक्षा का भविष्य
जैसे-जैसे भारत में डिजिटल ट्रांजैक्शन बढ़ रहे हैं, वैसे-वैसे साइबर फ्रॉड का खतरा भी बढ़ता जा रहा है। IDPIC जैसी तकनीकी पहल से न केवल फ्रॉड कम होगा, बल्कि सभी बैंकों के बीच साझा जानकारी और सहयोग से जोखिम प्रबंधन भी बेहतर होगा। इस कदम से ग्राहकों को उनके पैसों की सुरक्षा का भरोसा मिलेगा और भारत का डिजिटल भुगतान इकोसिस्टम और मजबूत होगा।