Uncategorized

चीन के जापानी सीफूड पर बैन से भारत को फायदा: दोनों देशों में विवाद से इंडियन कंपनियों के शेयर बढ़ें

चीन के जापानी सीफूड पर बैन से भारत को फायदा:  दोनों देशों में विवाद से इंडियन कंपनियों के शेयर बढ़ें

Last Updated on November 21, 2025 10:43, AM by Pawan

 

(तस्वीर प्रतीकात्मक है)

चीन और जापान के बीच ताइवान को लेकर बढ़ते तनाव का सीधा फायदा भारत को मिल रहा है। चीन ने बुधवार को जापान से आने वाले सभी सीफूड (जैसे- मछली, झींगा) पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है। इसके बाद भारतीय सीफूड निर्यातकों के शेयरों में तेज उछाल देखने को मिला।

 

चीन के इस फैसले से उसके बाजार में सीफूड की कमी का खतरा पैदा हो गया है। इसे पूरा करने के लिए वह भारत जैसे देशों की तरफ तेजी से रुख कर रहा है। इसके चलते भारतीय सीफूड कंपनियों के शेयरों में तेजी आई है।

तेलंगाना की अवंती फीड्स के शेयर करीब 10% तक चढ़ गए। यह कंपनी के शेयर में पिछले दो महीनों में सबसे बड़ी बढ़त है। वहीं एक और सीफूड कंपनी कोस्टल को-ऑपरेशन के शेयर भी 5% बढ़े। कंपनी ने अप्रैल में कहा था कि वह चीन को निर्यात बढ़ाएगी।

भारतीय कंपनियों को उम्मीद है कि चीन से अधिक ऑर्डर मिलने से उनके निर्यात में तेजी आएगी। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

भारतीय कंपनियों को उम्मीद है कि चीन से अधिक ऑर्डर मिलने से उनके निर्यात में तेजी आएगी। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

चीन-जापान के बीच तनाव क्यों हुआ

चीन और जापान के बीच विवाद की वजह जापानी पीएम साने ताकाइची का एक बयान है। दरअसल ताकाइची ने 7 नंवबर को कहा कि अगर चीन ने ताइवान पर हमला किया तो जापान मदद के लिए अपनी सेना भेजेगा।

चीन ने इस बयान को बेहद गैर-जिम्मेदार और उकसाने वाला बताया। इसके अगले ही दिन विवाद और बढ़ गया जब जापान में चीन के काउंसल जनरल शुए जियान ने एक्स पर लिखा कि वह इस मामले में दखल देने वाले की गर्दन काट देंगे।

इसके बाद दोनों देशों ने एक-दूसरे के राजदूतों को तलब किया। चीन ने अपने नागरिकों को जापान न जाने के लिए आगाह किया है और चेतावनी दी है कि वहां जाने पर उन्हें खतरे का सामना करना पड़ सकता है।

PM साने ताकाइची ने जापानी संसद में 7 नवंबर को दिए अपने पहले ही संबोधन में ताइवान का समर्थन किया था।

PM साने ताकाइची ने जापानी संसद में 7 नवंबर को दिए अपने पहले ही संबोधन में ताइवान का समर्थन किया था।

भारत के लिए नया बाजार राहत की उम्मीद

भारत के लिए चीन के बाजार का मौका ऐसे समय आया है जब अमेरिका ने भारतीय सीफूड पर 50% तक का टैक्स लगा रखा है। इससे अमेरिका भेजे जाने वाले भारतीय सीफूड निर्यात में अक्टूबर में 9% की गिरावट हुई।

रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन, वियतनाम और थाईलैंड को भारत का निर्यात बढ़ा है। भारत ने पिछले वित्त वर्ष में 7.4 बिलियन डॉलर यानी लगभग 61 हजार करोड़ रुपए का सीफूड निर्यात किया था।

ज्यादातर निर्यात फ्रोजन श्रिम्प (झींगा) और फ्रोजन फिश का था। अमेरिका अभी भी भारत का सबसे बड़ा सीफूड बाजार है। वॉलमार्ट और क्रोगर जैसे बड़े अमेरिकी रिटेलर भारतीय उत्पाद खरीदते हैं।

2023–24 में भारत ने 17.81 लाख टन सीफूड दुनिया के बड़े बाजारों अमेरिका, यूरोप, ब्रिटेन और चीन को भेजा था।

2023–24 में भारत ने 17.81 लाख टन सीफूड दुनिया के बड़े बाजारों अमेरिका, यूरोप, ब्रिटेन और चीन को भेजा था।

चीनी बाजार बंद होने से जापान को झटका

जापान के लिए चीन के बाजार का बंद होना बड़े झटके जैसा है। जापान अपने कुल सीफूड निर्यात का 20-25% सीफूड चीन को करता है। चीन जापानी निर्यातकों के लिए सबसे बड़ा बाजार है। हालांकि उसके कुल निर्यात में सीफूड का हिस्सा 1% है।

हाल ही में दो साल के अंतराल के बाद जापान ने चीन को सीफूड निर्यात दोबारा शुरू किया था। चीन ने 2023 में जापान से आने वाले सीफूड पर बैन लगा दिया था।

NHK की रिपोर्ट के मुताबिक यह प्रतिबंध फुकुशिमा न्यूक्लियर प्लांट से समुद्र में छोड़े गए पानी की वजह से लगाया था। नए प्रतिबंध से जापानी कंपनियों को भारी नुकसान की आशंका है।

चीनी मीडिया बोला- जापान बेवजह दखल दे रहा

चीन के सरकारी मीडिया का कहना है कि जापान ताइवान मुद्दे में बेवजह दखल दे रहा है और ऐसा करके खुद अपने देश को खतरे में डाल रहा है। एक न्यूज एडिटोरियल में यह भी लिखा गया कि अगर जापान की सेना ने इस मामले में दखल दिया तो पूरे क्षेत्र को नुकसान झेलना पड़ेगा।

चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है, जबकि जापान और अमेरिका ताइवान को स्वतंत्र देश की तरह मान्यता तो नहीं देते, लेकिन अमेरिका उसकी सुरक्षा में मदद करता है और उस पर किसी भी जबरन कब्जे का विरोध करता है।

ताइवान जापान से सिर्फ 110 किलोमीटर दूर है। ताइवान के आसपास का समुद्री क्षेत्र जापान के लिए बेहद अहम है, क्योंकि यह उसका एक महत्त्वपूर्ण समुद्री व्यापार मार्ग है। साथ ही, जापान में दुनिया में सबसे बड़ा अमेरिकी सेना का विदेशी ठिकाना भी मौजूद है।

चीन-जापानी ने सुरक्षा एडवाइजरी जारी की

जापानी सरकार ने चीन में रह रहे अपने नागरिकों को भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचने को कहा है। जापान के कैबिनेट सचिव मिनोरू किहारा ने बताया कि हाल के डिप्लोमेटिक विवादों के बाद चीनी मीडिया में जापान को लेकर माहौल खराब हुआ है, इसलिए यह नया सुरक्षा अलर्ट जारी किया गया है।

जापान के सुरक्षा अलर्ट में कहा गया है कि अनजान लोगों से बातचीत में सावधानी बरतें, अकेले ट्रैवल न करें, बच्चों के साथ बाहर जाते समय सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध इंसान या ग्रुप को देखकर तुरंत दूर चले जाएं।

वहीं, चीन ने भी रविवार को जापान पढ़ने जाने वाले चीनी छात्रों के लिए सुरक्षा एडवाइजरी जारी की है। चीन का कहना है कि जापान में इन दिनों सुरक्षा स्थिति ठीक नहीं है और वहां रहने वाले चीनी नागरिकों के लिए खतरा बढ़ गया है।

चीन के मुताबिक, जापान में हाल ही में अपराध बढ़े हैं और चीनी छात्रों के लिए माहौल पहले जैसा सुरक्षित नहीं रहा।

—————————

ताइवान को लेकर चीन-जापान के बीच भारी तनाव:जापानी PM बोलीं- हमला हुआ तो सेना भेजेंगे; चीनी राजदूत बोले- दखल देने वालों की गर्दन काट देंगे

​​​​​जापानी प्रधानमंत्री साने ताकाइची के ताइवान पर दिए बयान से चीन और जापान के बीच तनाव बढ़ गया है। दरअसल साने ताकाइची ने 7 नंवबर को कहा था कि अगर चीन ने ताइवान पर हमला किया तो जापान मदद के लिए अपनी सेना भेजेगा।

Source link

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

To Top