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अडाणी ने फॉर्च्यून ब्रांड वाली कंपनी की पूरी हिस्सेदारी बेची: AWL एग्री बेचकर FMCG बिजनेस एग्जिट लिया; ₹275 प्रति शेयर पर 7% हिस्सेदारी बिकी

अडाणी ने फॉर्च्यून ब्रांड वाली कंपनी की पूरी हिस्सेदारी बेची:  AWL एग्री बेचकर FMCG बिजनेस एग्जिट लिया; ₹275 प्रति शेयर पर 7% हिस्सेदारी बिकी

Last Updated on November 22, 2025 0:37, AM by Pawan

 

अडाणी ग्रुप ने AWL एग्री बिजनेस से अपनी बाकी 7% हिस्सेदारी ब्लॉक डील के जरिए बेच दी। इससे ग्रुप का FMCG बिजनेस से पूरा एग्जिट हो गया है। अडाणी कमोडिटीज LLP ने ये डील की। जेफरीज ने ब्लॉक ट्रेड मैनेज किया। AWL एग्री का नाम पहले अडाणी विल्मर था।

 

ये ब्लॉक डील ₹275.50 के फ्लोर प्राइस पर हुई है। फ्लोर प्राइस ब्लॉक डील में वह न्यूनतम कीमत होती है, जिससे कम पर शेयर नहीं बेचे जा सकते। इस खबर के बाद AWL एग्री का शेयर 3.7% तक गिरकर ₹266.45 के इंट्राडे लो पर पहुंच गया। हालांकि, अभी ये 274 रुपए पर बंद हुआ।

अडाणी कमोडिटीज LLP अडाणी एंटरप्राइजेज की सब्सिडियरी कंपनी है। वहीं विल्मर इंटरनेशनल सिंगापुर की एक एग्री-बिजनेस कंपनी है। AWL एग्री भारत की सबसे बड़ी एडिबल ऑयल कंपनी है, जो फॉर्च्यून ब्रांड चलाती है। अडाणी और सिंगापुर की विल्मर इंटरनेशनल का ये जॉइंट वेंचर था।

अडाणी के पास AWL एग्री बिजनेस की कुल 44% हिस्सेदारी थी

अडाणी ग्रुप का ये कदम स्ट्रैटेजिक रिअलाइनमेंट के तहत है जो अपना फोकस इंफ्रास्ट्रक्चर बिजनेस पर वापस ले जा रहा है। FMCG सेक्टर से कैपिटल निकालकर कोर बिजनेस में लगाया जाएगा।

  • अडाणी LLP के पास AWL एग्री बिजनेस की कुल 44% हिस्सेदारी थी।
  • जनवरी में OFS के जरिए 4,856 करोड़ रुपए में 14% स्टेक बेची।
  • जुलाई में 10.42% स्टेक 3,732 करोड़ में ब्लॉक डील के जरिए बेची थी
  • अक्टूबर में विल्मर की सब्सिडियरी को ₹4,646 करोड़ में 13% हिस्सेदारी बेची।
  • नवंबर में बाकी 7% हिस्सेदारी 2,400 करोड़ में ब्लॉक डील में बेची।
  • AWL एग्री बिजनेस की डील का टोटल अमाउंट 15,700 करोड़ के करीब है।
  • विल्मर इंटरनेशल के पास अब AWL एग्री बिजनेस में 57% हिस्सेदारी है।

सितंबर तिमाही में AWL एग्री का नेट प्रॉफिट 21% घटा

सितंबर क्वार्टर में AWL एग्री का कंसॉलिडेटेड नेट प्रॉफिट 21% कम होकर ₹244.85 करोड़ रह गया। पिछले साल इसी तिमाही में ₹311.02 करोड़ था। लेकिन टोटल इनकम 20% बढ़कर ₹17,525.61 करोड़ हो गई, जो पहले ₹14,552.04 करोड़ थी। रेवेन्यू ग्रोथ हुई, लेकिन प्रॉफिट मार्जिन पर प्रेशर रहा। एडिबल ऑयल और FMCG सेगमेंट में कॉम्पिटिशन और कॉस्ट बढ़ने का असर पड़ा।

अब स्वतंत्र तरीके से बिजनेस एक्सपैंड कर सकेगी विल्मर

अडाणी ग्रुप के एग्जिट के बाद AWL एग्री पर विल्मर इंटरनेशनल का फुल कंट्रोल हो जाएगा। कंपनी अब इंडिपेंडेंट तरीके से FMCG और फूड बिजनेस को एक्सपैंड कर सकती है। अडाणी को मिले कैश से इंफ्रा प्रोजेक्ट्स में निवेश बढ़ेगा। मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि शेयर में शॉर्ट टर्म वोलेटिलिटी रहेगी, लेकिन लॉन्ग टर्म में कंपनी की ग्रोथ स्टोरी बरकरार है।

 

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