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पिछला रिटर्न देखकर SIP करेंगे तो लगेगा झटका, जानिए म्यूचुअल फंड से तगड़ा पैसा बनाने का फॉर्मूला

पिछला रिटर्न देखकर SIP करेंगे तो लगेगा झटका, जानिए म्यूचुअल फंड से तगड़ा पैसा बनाने का फॉर्मूला

Last Updated on November 24, 2025 22:04, PM by Pawan

Mutual Fund SIP: Share.Market (PhonePe Wealth Broking) ने सितंबर 2025 का CRISP® म्युचुअल फंड स्कोरकार्ड जारी किया। इसमें म्यूचुअल फंड्स का 5 साल का परफॉर्मेंस, उनकी स्थिरता, जोखिम और लगातार प्रदर्शन करने की क्षमता का एनालिसिस है। रिपोर्ट का सबसे बड़ा खुलासा यह है कि जो म्युचुअल फंड एक बार टॉप करता है, वह अगली बार भी टॉप करेगा, ऐसा बहुत कम होता है। यानी निरंतरता (Consistency), एक बार की तेज रिटर्न से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण है।

यह स्कोरकार्ड इक्विटी और हाइब्रिड कैटेगरी के 5 साल के डेटा पर आधारित है। इसका सुझाव है कि निवेशकों को सिर्फ हाई रिटर्न वाले चार्ट देखने के बजाय यह देखना चाहिए कि फंड अलग-अलग बाजार स्थितियों में कितना स्थिर रहता है।

सितंबर तिमाही का क्या हाल रहा?

सितंबर तिमाही का माहौल भी काफी दिलचस्प रहा। इस दौरान गोल्ड और सिल्वर ETFs में रिकॉर्ड स्तर पर पैसा आया, जबकि तिमाही खत्म होते ही संस्थागत निवेशकों की रूटीन निकासी के कारण डेट फंड्स से 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की भारी आउटफ्लो देखने को मिली।

इसके उलट SIP इनफ्लो बिल्कुल नए शिखर पर पहुंच गया। निवेशकों ने 29,361 करोड़ रुपये का योगदान दिया, जो अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है।

Share.Market के हेड ऑफ इन्वेस्टमेंट प्रोडक्ट्स नीलेश डी नाइक ने कहा, ‘विनर्स के पीछे भागना टिकाऊ नहीं। अनुशासन और नियमित SIP ही लंबी अवधि की असली वेल्थ बनाते हैं।’

कौन-से फंड दिखे लगातार प्रदर्शन करने वाले

CRISP स्कोरकार्ड के रैंक-कोरिलेशन से पता चला कि पिछला प्रदर्शन भविष्य की गारंटी नहीं होता, क्योंकि फंड्स की रैंक हर तिमाही बदल जाती है। इसके बजाय वे फंड बेहतर माने गए जो अलग-अलग मार्केट फेज में स्थिर रहे और ज्यादा उतार-चढ़ाव नहीं दिखाया। ऐसे स्थिर फंड कई कैटेगरी में मिले।

मैच्योर हो रहे हैं निवेशक

यह रिपोर्ट बताती है कि भारतीय निवेशकों का व्यवहार अब पहले से ज्यादा मैच्योर और अनुशासित होता जा रहा है। पहले जब बाजार ऊपर-नीचे होता था, तो बहुत से लोग घबराकर पैसा निकाल लेते थे या अचानक बढ़ते हुए फंड्स को देखकर ‘मोमेंटम के पीछे भागते’ थे। लेकिन अब ऐसा कम हो रहा है। वोलैटिलिटी, ग्लोबल अनिश्चितता और रोज बदलते मार्केट शोर के बावजूद रिटेल निवेशक निवेश बनाए हुए हैं।

सबसे बड़ा सबूत है, SIP फ्लो का रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचना। इसका मतलब है कि निवेशक शॉर्ट टर्म लालच या डर के बजाय अब लंबी अवधि की योजना, डिसिप्लिन और प्रोसेस-बेस्ड इन्वेस्टिंग को तवज्जो दे रहे हैं।

Disclaimer: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। हमारी तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।

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