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Kamla Pasand: एक छोटी सी गुमटी से लेकर ₹3000 करोड़ के मार्केट शेयर तक, कमला पसंद ने कैसे चखा कामयाबी का स्वाद

Kamla Pasand: एक छोटी सी गुमटी से लेकर ₹3000 करोड़ के मार्केट शेयर तक, कमला पसंद ने कैसे चखा कामयाबी का स्वाद

Last Updated on November 26, 2025 23:20, PM by Pawan

कहते हैं- कानपुर वालों की जेब में गुटखा और जुबान पर ठेठ अंदाज हमेशा रहता है। इस शहर में मसाले और गुटखे के सैकड़ों लोकल और पॉपुलर ब्रांड हैं। इनमें से ही एक ब्रांड है कमला पसंद, जिसका नाम सुनते ही आपके दिमाग में सड़क किनारे लगे किसी ढेले या दुकान पर टंगे पान मसाले का पैकेट आया होगा। कभी इसी कानपुर में एक छोटी से गुमटी से शुरू हुआ ये सफर आज एक बड़े मुकाम पर पहुंच चुका है। हालांकि, कमला पसंद इसलिए चर्चाओं में है, क्योंकि इसके मालिक कमल किशोर चौरसिया की बहू दीप्ति चौरसिया ने घर में फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली है।

सुसाइड के इस मामले पर आगे बात करेंगे, लेकिन पहले आपको बताते हैं कि आखिर कैसे मसाला खाने वालों की पसंद बना ये ‘कमला पंसद’। ये कहानी कोई बहुत पुरानी भी नहीं है, तो बहुत नई भी नहीं। बताया जाता है कि कमलाकांत चौरसिया और कमल किशोर चौरसिया ने कानपुर के फील्डखाना मोहल्ले से गुटखा का कारोबार शुरू किया था। करीब 40-45 साल पहले वह एक गुमटी यानी खोखे पर खुला पान मसाला बेचते थे, जिसे चौरसिया परिवार घर पर ही बनाया करता था।

ये वो दौर था जब पान मसाला का बाजार तेजी से बढ़ रहा था। 1973 में उन्होंने कंपनी रजिस्टर्ड कराई। इस कारोबार में उनके दो भाई बच्चा चौरसिया और आनंद किशोर चौरसिया भी साथ थे। 1980 के दशक में गुटखा व्यापार में कदम रखा। इस दौर में ही गुटखा बनाने और बेचने का काम भी शुरू कर दिया। समय के साथ-साथ कंपनी ने दूसरे प्रोडक्ट्स सेगमेंट में भी कदम रखा, जैसे तंबाकू, गुटखा, इलायची, और दूसरे FMCG प्रोडक्ट में अपना हाथ आजमाया।

 

इसके अलावा कंपनी ने रियल एस्टेट और लोहा कारोबार में भी कदम रखा है, जो आज भी जोरशोर से चल रहा है।

कितनी है कमल किशोर चौरसिया की नेट वर्थ?

आज कमल किशोर चौरसिया की नेट वर्थ की बात करें, तो मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ये 2025 के आखिर तक लगभग 1500 से 2000 करोड़ रुपए के बीच है। ये आंकड़ा उनकी पान मसाला की बड़ी कंपनी, अलग-अलग निवेशों जैसे रीयल एस्टेट और लोहे का कारोबार, और परिवार की संपत्तियों के आधार पर तैयार किया गया अनुमान है।

कमल किशोर के बिजनेस एम्पायर की रेंज काफी बड़ी और दिलचस्प है। वह कम से कम 10 कंपनियों में डायरेक्टर हैं। ये कंपनियां रियल एस्टेट, फूड प्रोसेसिंग, लग्जरी ब्रांड्स और मिनरल्स जैसे अलग-अलग सेक्टर में काम करती हैं। इन सबकी कुल पेड-अप कैपिटल 1,168 करोड़ रुपए से ज्यादा है।

पेड अप कैपिटल के मायने उस रकम से है जो कंपनी अपने शेयर जारी करके जुटाती है। यानि शेयर बाजार में कंपनी के जितने शेयर हैं उसकी टोटल वैल्यू पेडअप कैपिटल होती है। जिस कंपनी का पेडअप कैपिटल जितना ज्यादा है उसकी फाइनेंशियल हेल्थ उतनी बेहतर मानी जाती है।

मेटल सेक्टर में उनके पास राजश्री जिंक लिमिटेड और राजश्री धातु एंड मिनरल्स इंडिया लिमिटेड जैसी कंपनियां हैं, जो जिंक प्रोसेसिंग और मिनरल एक्सट्रैक्शन के काम से उनकी इंडस्ट्री डाइवर्सिफिकेशन को और मजबूत करती हैं।

इसी के साथ लग्जरी और लाइफस्टाइल मार्केट में उनकी पकड़ इन्फिनाइट लग्जरी ब्रांड्स प्राइवेट लिमिटेड और ओलिन इंटरनेशनल लिमिटेड जैसी हाई-एंड कंज्यूमर गुड्स और एक्सपोर्ट कंपनियों के जरिए दिखाई देती है।

रियल एस्टेट सेक्टर में भी वे कम प्रभावशाली नहीं हैं। डीएसएल प्रॉपर्टीज, लेबर्नम रियल्टर्स, और ऑस्ट्रिच बिल्डटेक जैसी कंपनियों के जरिए उन्होंने अपनी मजबूत मौजूदगी बनाई है, जिसमें दिल्ली के पॉश इलाकों, जैसे वसंत विहार में फैमिली प्रॉपर्टीज भी शामिल हैं।

इसके अलावा, उनका पोर्टफोलियो कैल एंड लोकेल फूड्स इंडिया लिमिटेड, जो हेल्थ-फोकस्ड फूड्स बनाती है, और गुड लाइफ फॉरेस्ट्री लिमिटेड, जो सस्टेनेबल रिसोर्सेज पर काम करती है, उस तक फैला हुआ है।

इन सभी वेंचर्स से इक्विटी स्टेक्स और रियल एस्टेट ग्रोथ के चलते उन्हें हर साल लगभग 300–500 करोड़ रुपए तक का अतिरिक्त फायदा होता है।

आज कमला पसंद का अरबों रुपए का टर्नओवर है। बाजार विश्लेषकों के अनुसार, देश के लगभग ₹46,882 करोड़ के पान मसाला मार्केट में कमला पसंद की हिस्सेदारी ₹3,000 करोड़ से ज्यादा है।

दीप्ति सुसाइड केस

दीप्ति चौरसिया ने 2010 में कमल किशोर के बेटे हरप्रीत चौरसिया से शादी की थी। दंपति का एक 14 साल का बेटा भी है। पुलिस के अनुसार दोनों के बीच पिछले काफी समय से विवाद भी चल रहा था।

पुलिस का कहना है कि दीप्ति का शव सबसे पहले उसके पति हरप्रीत ने ही देखा, जो उसे सफदरजंग अस्पताल ले गया, जहां दीप्ति को मृत घोषित कर दिया गया।

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो मौके पर मिले सुसाइड नोट में सीधे तौर पर किसी का नाम नहीं लिया गया, लेकिन दीप्ति ने अपने पति के साथ चल रहे विवाद का जिक्र जरूर किया है। उन्होंने लिखा, “अगर किसी रिश्ते में प्यार नहीं है, भरोसा नहीं है, तो फिर उस रिश्ते में रहने की और जीने की वजह क्या है?” इसके अलावा उसमें रिश्तों में प्यार और भरोसे के महत्व को लेकर इमोशनल बातें भी लिखी गई हैं।

भाई ने लगाया मारपीट का आरोप

दीप्ति के भाई ने आरोप लगाया कि उसके बहन के साथ मारपीट होती थी और उसके पति हरप्रीत का किसी से अफेयर भी था। दीप्ति के भाई ऋषभ ने कहा, “उसकी सास और पति उसे पीटते थे। उसके पति हरप्रीत के अवैध संबंध थे। जब हमें इस बारे में पता चला, तो हम अपनी बेटी को घर ले आए… उसके बाद, उसकी सास उसे वापस ले गई।”

उन्होंने आगे कहा, “मेरी बहन मुझे फोन करके कहती थी कि उसे प्रताड़ित किया जा रहा है और उसके पति के अवैध संबंध हैं। मुझे नहीं पता कि मेरी बहन की हत्या हुई है या उसने आत्महत्या की है। मैंने उससे 2-3 दिन पहले बात की थी। मुझे बस न्याय चाहिए… मेरी बहन की शादी 2010 में हुई थी। उसके पति के साथ उसके संबंध अच्छे नहीं थे।”

इस बीच, परिवार के वकील ने कहा कि दोनों परिवार इस दुखद घड़ी में एक साथ खड़े हैं और उन्होंने दीप्ति के भाई के बयानों को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। पुलिस केस दर्ज कर इस मामले की जांच में जुटी है।

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