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Nectar Lifesciences कर रही शेयर बायबैक की तैयारी, फैसला 3 दिसंबर को; स्टॉक 20% तक उछला

Nectar Lifesciences कर रही शेयर बायबैक की तैयारी, फैसला 3 दिसंबर को; स्टॉक 20% तक उछला

Last Updated on November 28, 2025 11:58, AM by Khushi Verma

फार्मा कंपनी नेक्टर लाइफसाइंसेज के शेयरों में 28 नवंबर को 20 प्रतिशत तक की तेजी दिखी। BSE पर शेयर 16.99 रुपये के अपर सर्किट को टच कर गया लेकिन सर्किट नहीं लगा। कंपनी का मार्केट कैप 364 करोड़ रुपये से ज्यादा है। कंपनी शेयर बायबैक करने की तैयारी में है। एक एक्सचेंज फाइलिंग के जरिए नेक्टर लाइफसाइंसेज ने शेयर बाजारों को बताया है कि कंपनी का बोर्ड प्रपोजल पर विचार करने के लिए 3 दिसंबर 2025 को मीटिंग करने वाला है।

शेयर बायबैक प्रोग्राम में कंपनी ओपन मार्केट से अपने शेयर वापस खरीदती है। ऐसा करने से बाजार में शेयरों की संख्या घट जाती है, जिससे बचे हुए शेयरों की वैल्यू बढ़ सकती है और कंपनी की प्रति शेयर आय में सुधार होता है। शेयर बायबैक को लेकर अभी नेक्टर लाइफसाइंसेज ने और कोई डिटेल शेयर नहीं की है।

नेक्टर लाइफसाइंसेज जुलाई 2005 में शेयर बाजारों में लिस्ट हुई थी। इसमें सितंबर 2025 के आखिर तक प्रमोटर्स के पास 44.91 प्रतिशत हिस्सेदारी थी। शेयर एक साल में 50 प्रतिशत नीचे आया है। वहीं 6 महीनों में कीमत 39 प्रतिशत गिरी है। शेयर का BSE पर 52 सप्ताह का उच्च स्तर 44.90 रुपये है, जो 19 दिसंबर 2024 को क्रिएट हुआ। 52 सप्ताह का निचला स्तर 13.25 रुपये 8 अगस्त 2025 को देखा गया। सितंबर 2025 तिमाही में कंपनी का स्टैंडअलोन बेसिस पर रेवेन्यू 5 करोड़ रुपये रहा। वित्त वर्ष 2025 में रेवेन्यू 1,673 करोड़ रुपये दर्ज किया गया।

इससे पहले इंफोसिस ने किया था 18000 करोड़ का बायबैक

इससे पहले आईटी कंपनी इंफोसिस ने 18000 करोड़ रुपये का शेयर बायबैक किया था। यह 20 नवंबर से शुरू हुआ और 26 नवंबर को बंद हुआ। यह कंपनी का अब तक का सबसे बड़ा शेयर बायबैक रहा। इस बायबैक में नंदन नीलेकणि, एनआर नारायण मूर्ति, सुधा मूर्ति समेत इंफोसिस के प्रमोटर्स ने हिस्सा नहीं लिया। यानि कि उन्होंने अपने शेयर कंपनी को वापस देने के लिए ऑफर नहीं किए। इंफोसिस ने इसके पहले साल 2017, 2019, 2021 और 2022 में भी शेयरों का बायबैक किया था। साल 2022 में कंपनी ने लगभग 9,300 करोड़ रुपये के शेयर वापस खरीदे थे, जबकि 2021 में बायबैक का साइज करीब 9200 करोड़ रुपये था। 2017 में लगभग 13,000 करोड़ रुपये और 2019 में 8,260 करोड़ रुपये के शेयर वापस खरीदे गए थे।

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